इजरायल-हमास युद्ध विराम प्रस्ताव पर वीटो लगाया तो अमेरिका पर भड़की किम जोंग सरकार, बाइडेन को नॉर्थ कोरिया की दो टूक
Israel Hamas War: उत्तर कोरिया ने कहा कि अमेरिका गाजा पर हमलों पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन जब हम रॉकेट लॉन्च करते हैं तो वह हमारी निंदा करता है, जबकि हम किसी को नुकसान भी नहीं पहुंचाते.
UN Ceasefire Resolution: इजरायल-हमास जंग को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लाया गया जिस पर अमेरिका ने वीटो लगा दिया. कोई भी स्थाई सदस्य अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर किसी भी प्रस्ताव को गिरा सकता है. अमेरिका के इस फैसले से नॉर्थ कोरिया खफा है.
नॉर्थ कोरिया के उच्च अधिकारियों ने युद्ध-विराम प्रस्ताव पर वीटो लगाने के लिए अमेरिका की आलोचना की है. नॉर्थ कोरिया ने कहा कि वीटो का इस्तेमाल अमेरिका दोहरे मानदंडो को दर्शाता है. अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री किम सोन ग्योंग ने कहा, "हजारों नागरिकों का नरसंहार करने वाले एक सहयोगी की रक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी वीटो शक्ति का दुरुपयोग न केवल अवैध और अनुचित दोहरे मानदंडों की अभिव्यक्ति है, बल्कि अमानवीयता की पराकाष्ठा है."
नॉर्थ कोरिया की शिकायत
किम सोन ग्योंग ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका गाजा में जारी लड़ाई को नजरअंदाज कर रहा है और उत्तर कोरिया के हालिया सैटेलाइट लॉन्च की निंदा कर रहा है, जबकि हमने किसी दूसरे देश को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. गौरतलब है कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने उत्तर कोरिया के खतरों को लेकर एक बैठक की है, क्योंकि उत्तर कोरिया ने धमकी दी थी कि वह ज्यादा से ज्यादा खुफिया सैटेलाइट को तैनात करेगा.
अमेरिका की क्यों हो रही है आलोचना?
अमेरिकी कूटनीति में बीते कुछ समय में नाटकीय ढंग से बदलाव आया है. इजरायल-हमास जंग के बीच अमेरिका पर पक्षपात के आरोप लगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर फिलिस्तीनी अधिकारों और जान-माल के नुकसान को नजरअंदाज करने का आरोप लगा. अमेरिका भी समय-समय पर इजरायल पर गाजा में कार्रवाइयों को लेकर आगाह करता रहा है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिका पर मध्य-पूर्व के देश भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. इसका फायदा चीन, रूस और उत्तर कोरिया सरीखे देश उठा रहे हैं. ये देश अमेरिका के खिलाफ लामबंदी शुरू कर चुके हैं.
कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि अमेरिकी व्यवस्था अब जर्जर हो गई है, इसलिए नई विश्व व्यवस्था में अमेरिका की कोई जगह नहीं होगी.
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