Israel-Hamas War: गाजा पट्टी जाएगी पाकिस्तानी फौज? सऊदी अरब के साथ मिलकर बना रही बड़ा प्लान
Israel-Hamas War: पाकिस्तान इन दिनों सेना को गाजा पट्टी में भेजने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए एक ब्रिगेडियर को नियुक्त किया गया है. फिलहाल गाजा में पाकिस्तानी सेना सिर्फ फूड सप्लाई तक सीमित होगी.
Pakistan Army: पाकिस्तान इन दिनों फौज को गाजा पट्टी भेजने की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए वहां के नेता सऊदी अरब की शरण में चले गए हैं. पाकिस्तान को लगता है कि गाजा में पाकिस्तानी आर्मी की तैनाती से उसे अंतरराष्ट्रीय ठेका मिलेगा और इससे पाकिस्तान की वैश्विक मौजूदगी मजबूत होगी. पाकिस्तान को यह भी लगता है कि सऊदी अरब के सहारे उसकी आर्मी की तैनाती पर दोनों देशों के बीच रिश्ते में भी सुधार होगा.
पाकिस्तानी फौन इन दिनों बड़ी मात्रा में गोला-बारूद यूक्रेन को भेज रही है. ये गोला-बारूद ब्रिटेन के रास्ते यूक्रेन पहुंच रहा है. माल आपूर्ति के लिए पाकिस्तानी सेना के तहत काम करने वाली ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां दिन-रात काम कर रही हैं. पाकिस्तान के डिफेंस एक्सपर्ट वजाहत खान ने बताया कि इन दिनों पाकिस्तान की आर्मी स्वतंत्र शैडो विदेश नीति पर काम कर रही है. इसपर न ही पाकिस्तानी सरकार का नियंत्रण है और न ही संसद का, यही वजह है कि सऊदी अरब में सेना की तैनाती को लेकर सीधे आर्मी प्रमुख जनरल असीम मुनीर सऊदी अरब से बात कर रहे हैं.
पाकिस्तान की फौज चलाती है अलग विदेश नीति
डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी फौज की हालिया गतिविधियों से दूसरे देशों के साथ संबंध मजबूत करने करने में मदद मिल रही है. इसके अलावा पाकिस्तान की फौज सरकार के अलावा विदेश नीति चलाने में सक्षम है. पाकिस्तानी फौज की इस तरह की विदेश नीति का फायदा कई बार सरकार भी उठाती है. इसका उदाहरण तब सामने आया, जब इमरान खान के कार्यकाल में नाराज सऊदी अरब को मनाने में उस समय के सेना प्रमुख जनरल बाजवा की भूमिका नजर आई.
गाजा में फूड सप्लाई तक सीमित होगी पाक सेना
ब्रिटेन स्थित किंग्स कॉलेज में सीनियर फेलो आएशा सिद्धीका ने बताया, "पाकिस्तान सऊदी अरब के साथ गाजा में शांति दूत के तौर पर जाने का निर्णय लिया है." उन्होंने आगे कहा कि गाजा में पाकिस्तानी आर्मी भेजने के दो पहलू हैं. पहला यह कि गाजा में जो हो रहा है इसको लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. इसके अलावा सभी मुसलमान मुल्क और अरब मुल्क भी चिंतित हैं. ऐसे में निर्णय लिया गया है कि गाजा में इंटरनेशनल सिक्योरिटी फोर्स भेजी जाए. पाकिस्तानी फौज ने इस काम के लिए एक ब्रिगेडियर नियुक्त भी कर दिया है. गाजा पट्टी में पाकिस्तानी फौज का ऑपरेशन सिर्फ फूड सप्लाई तक सीमित रहेगा. गाजा में रिबिल्डिंग में पाकिस्तान के सैनिक नहीं जाएंगे, क्योंकि इसके लिए पाक फौज को इंजीनियरिंग का सामान ले जाना पड़ेगा और इसका खर्च काफी ज्यादा आएगा."
पाकिस्तान की सेना खुद लेती है निर्णय
आएशा सिद्धीका के अनुसार, पाकिस्तान में साल 2018 के बाद से स्थिति बदल गई है. नई सरकार में यह और भी ज्यादा हो गया है कि पाकिस्तान की फौज खुद से फैसला करती है. इसके लिए वह संसद या सरकार से कुछ नहीं पूछती है. बोस्निया में चल रहे गृह युद्ध के दौरान भी संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले पाकिस्तान की फौज शांति सेना बनकर पहुंची थी. उस समय के हालात और आज के हालात में अंतर है. मंजूरी भले ही पाकिस्तान की सरकार ही क्यों न दे, लेकिन निर्णय खुद पाकिस्तान की सेना करती है.
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