Israel Hamas War: इजरायल और हमास में जारी जंग के बीच फिलिस्तीन राज्य के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने गाजा में खून खराबे के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने गाजा में मानवीय युद्धविराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अमेरिका के वीटो को फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध अपराध बताया है. 


फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ऑफिस की तरफ से जारी किए गए बयान में महमूद अब्बास ने अमेरिकी रुख को आक्रामक और अनैतिक, सभी मानवीय सिद्धांतों और मूल्यों का घोर उल्लंघन बताया है और गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के रक्तपात के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. गौरतलब है कि इजरायल हमास में जारी जंग में तत्काल मानवीय युद्धविराम का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में खारिज हो गया है. दरअसल, अमेरिका ने शुक्रवार को यूएनएससी के इस प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर दिया. 


 अंतर्राष्ट्रीय अधिकार समूहों ने की अमेरिका की आलोचना 


इससे पहले विश्व नेताओं, अंतर्राष्ट्रीय अधिकार समूहों और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को वीटो करने और युद्ध को रोकने में विफल रहने के लिए अमेरिका की आलोचना की है, जिसमें 7 अक्टूबर से 17,400 से अधिक फिलिस्तीनी और इजरायल में लगभग 1,100 लोग मारे गए हैं. 


युद्धविराम का प्रस्ताव नहीं हो सका पारित 


 बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रस्ताव पर वीटो करने और ब्रिटेन के अनुपस्थित रहने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को प्रस्ताव पारित नहीं हो सका. यूएनएससी के 15 वर्तमान सदस्यों में से शेष 13 ने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा रखे गए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया . 


इजरायल ने रखा अपना पक्ष 


फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने कहा कि वीटो अपमानजनक है और कब्जे वाले राज्य को नष्ट करने और विस्थापित करने के लिए दिया गया एक और खाली चेक है. हमास ने अमेरिका के वीटो की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वह वाशिंगटन के कदम को "अनैतिक और अमानवीय" मानता है. वहीं इजरायल के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत गिलाद एर्दान ने मतदान के बाद यूएनएससी को संबोधित नहीं किया, लेकिन एक बयान में उन्होंने कहा, "युद्धविराम केवल सभी बंधकों की वापसी और हमास के विनाश के साथ ही संभव होगा."


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