Israel Hamas War: इजरायल का टारगेट ट्रिपल एच क्या है? जानें पूरी बात
Israel Hamas: हमास ने शनिवार को इजरायल के ख़िलाफ़ 'अल-अक़्सा स्टॉर्म' नाम से ऑपरेशन लॉन्च किया था, जिसमें एक तरफ हमास इजरायल पर ताबड़तोड़ रॉकेट से हमला कर रहा था.
Israel Hamas War: इस वक्त इजरायल और हमास के बीच जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है. इस जंग में अब तक हजारों की संख्या में निर्दोष लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. वहीं कई लोग बुरी तरह से घायल हैं, जो अभी भी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. आपको बता दें कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध पांचवें दिन में प्रवेश कर चुका है. इस दौरान मारे गए फलस्तीनियों की संख्या बढ़कर 900 हो गई है, जबकि इजरायली मरने वालों की संख्या भी 1,200 हो गई है.
हमास ने शनिवार को इजरायल के ख़िलाफ़ 'अल-अक़्सा स्टॉर्म' नाम से ऑपरेशन लॉन्च किया था, जिसमें एक तरफ हमास इजरायल पर ताबड़तोड़ रॉकेट से हमला किया था, वहीं दूसरी तरफ जमीन के रास्ते उसके लड़ाके कई जगहों से सीमा पार करके इजरायल के भीतर घुस गए थे. इसके बाद इजरायल ने हमास पर ताबड़तोड़ हवाई हमले शुरू कर दिए और ट्रिपल-H के खिलाफ ऑपरेशन शुरू कर दिया है. आइए जानते है कि आखिर ट्रिपल-H का असली मतलब है क्या?
आखिर क्या है ट्रिपल-H?
पहले H का मतलब है हमास, दूसरे का हिजबुल्ला और तीसरे का हूती. वहीं इन तीनों H के पीछे ईरान का चेहरा बताया जा रहा है. आपको बता दें कि इजरायल की खुफिया सिस्टम ये भांपने में फेल हो गया कि हमास उस पर इतना बड़ा हमला कैसे कर दिया.
हमास- हमास एक चरमपंथी समूह है, जिसने करीब 16 सालों से गाजा पट्टी के इलाके पर कब्जा जमा रखा है. वो वहां करीब 20 लाख फलस्तीनियों पर राज करता है. वहीं हमास का सिर्फ एक ही मकसद है और वो है इजरायल को खत्म करना. आपको बता दें कि हमास को 70 फीसदी वित्तीय मदद ईरान से मिलती है. ईरान हर साल हमास को 832 करोड़ रुपए की मदद करता है,जबकि कतर हमास को हर साल 998 करोड़ की वित्तीय मदद करता है.
हिजबुल्ला- हिजबुल्ला पश्चिमी एशियाई देश लेबनान में एक सक्रिय आतंकी संगठन है. हिजबुल्ला शिया आतंकी संगठन है जिसे ईरान समर्थन देता है. हिजबुल्ला की स्थापना साल 1982 में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने की थी. इस संगठन का मकसद है, ईरान में हुई इस्लामी क्रांति को दूसरे देशों में फैलाना. ईरान का मकसद था कि वो लेबनान में लड़ रही इजरायली सेना के खिलाफ एक संगठन खड़ा कर सके.
ईरान की तरफ से हिजबुल्ला को मिलिट्री ट्रेनिंग से लेकर हथियार और फंड भी मिलता रहा है. यहां तक की सीरिया से भी हिजबुल्ला को समर्थन मिलता रहा है. इसको लेकर इजराइल शुरू से ही कहता रहा है कि ईरान उसके खिलाफ सीरिया की जमीन का इस्तेमाल करता है. अमेरिका से लेकर यूरोप कनाडा समेत कई देशों में हिजबुल्ला बैन है.
2020 की स्टेट डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान हर साल हिजबुल्ला को 5827 करोड़ की सालाना मदद करता है. इसकी वजह से हिजबुल्ला दुनिया का सबसे ज्यादा हथियारों वाला संगठन माना जाता है. हालांकि, ईरान ने इस बात से इनकार किया है कि वो हमास का साथ नहीं दे रहा है, लेकिन उसने ये भी कहा है कि जिसने भी इजरायल पर हमला किया है, वो उसका हाथ चूमना चाहता है.
हूती- हूती यमन में एक सक्रिय आतंकी संगठन है. ईरान हूती को मदद करता है. ईरान हूतियों को ज्यादातर हथियार मुहैया कराता है.
इजरायल को अमेरिका का साथ
इस वक्त इजरायल अपनी तीन चुनौतियों से निपटने की भरपूर कोशिश कर रहा है. इजरायल को इसके लिए दुनिया के ताकतवर देशों का साथ मिल रहा है, जिसमें अमेरिका सबसे आगे है. अमेरिका ने कल ही यानी मंगलवार (10 अक्टूबर) भारी गोला-बारूद के साथ अपना एक विमान दक्षिणी इजरायल के नेवातिम एयरबेस पर उतारा है.