Gaza Crisis: जंग की शुरूआत के बाद पहली बार इजरायल ने गाजा में दैनिक जरूरतों के लिए ईंधन भेजने पर सहमत हुआ है. हालांकि इस फैसले को लेकर सरकार के भीतर भारी मतभेद है. इजरायल के इस फैसले को लेकर अमेरिका ने कहा कि यह उनके दबाव की वजह से मुमकिन हो पाया है.
बीबीसी न्यूज़ के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि कि गाजा में हर दिन 1,40,000 लीटर ईंधन भेजने की इजाजत दे दी गई है.
इजरायली कैबिनेट ने सेना और खुफिया एजेंसी से ली सलाह
टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक एक इजरायली राजनयिक अधिकारी के हवाले से दिए गए एक बयान में कहा गया है कि यरूशलम संयुक्त राष्ट्र की जरूरतों के लिए पानी और सीवर सिस्टम का समर्थन करने के लिए हर दिन ईंधन के दो ट्रकों को गाजा में प्रवेश करने पर सहमत हुआ था.
इजरायली राजनयिक के बयान के मुताबिक, अमेरिका ने इजरायल से गुजारिश की थी कि गाजा में ईंधन की सप्लाई के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जाएं, इसके बाद इजरायली कैबिनेट ने आईडीएफ और खुफिया एजेंसी शिन बेत की सलाह के बाद हर रोज गाजा में ईंधन भेजने का फैसला लिया. हालांकि ये भी कहा गया है कि इजरायल ईंधनों की सप्लाई की निगरानी करेगा ताकि ये हमास के हाथ न लगे.
सप्लाई से नाखुश है यूएन
गाजा पट्टी में शरणार्थियों के लिए काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्लयू ने कहा है कि इलाके में मानवीय सहायता से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर रोज कम से कम 1 लाख 60 हजार लीटर ईंधन की दरकार है. संयुक्त राष्ट्र ने यूएनआरडब्ल्यू के लिए काम करने वाले 100 से ज्यादा कर्मचारियों की मौत के शोक में दुनिया भर के उनके दफ्तरों के झंडों को आधा झुका लिया है.
ये भी पढ़ें: