Israel-Hamas War Hostage Deal: हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर बीते 7 अक्टूबर को हमला किया था. उस दौरान उन्होंने हजार लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसके अलावा लगभग 240 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे. हालांकि, युद्ध के महीनों गुजर जाने के बाद कतर की मध्यस्थता की वजह से इजरायल के बंधकों को रिहा कराने के लिए एक छोटी टीम बनाई गई. इसमें कतर के अलावा मिस्र और अमेरिका ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसका नतीजा ये हुआ कि इजरायल और हमास के बीच 4 दिनों के सीजफायर का ऐलान किया गया. इन 4 दिनों के भीतर दोनों पक्ष कैदियों को रिहा करने पर राजी हो गए.


रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल और हमास के बीच समझौता कराने में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की व्यक्तिगत राजनयिक भूमिका शामिल थी. उन्होंने समझौते से पहले कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ कई जरूरी बातचीत की थी. इस दौरान विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, CIA निदेशक बिल बर्न्स, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और उनके डिप्टी जॉन फाइनर और अमेरिकी मध्य पूर्व के दूत ब्रेट मैकगर्क ने भी कई घंटों की बातचीत की थी.


कतर ने हमले के बाद तुरंत दी प्रतिक्रिया
इजरायल और हमास के सीजफायर समझौते में शामिल दो अधिकारियों ने पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस समझौते के तहत इजरायल और हमास 4 दिनों तक एक-दूसरे पर हमला नहीं करेंगे. इसके अलावा हमास पहले दिन 50 बंधकों को रिहा करेगा, जिसके बदले में इजरायल भी कुल 300 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. सीजफायर समझौते में शामिल अधिकारियों ने जानकारी दी कि हमास के हमले के तुरंत बाद कतर ने बंधकों और उनकी रिहाई की संभावना के बारे में संवेदनशील जानकारी के अमेरिका के साथ शेयर किया.


कतर की सरकार ने पूछा कि इजरायलियों के साथ निजी तौर पर इस मुद्दे पर काम करने के लिए एक छोटी टीम (सेल) बनाई जाए. इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मैकगर्क और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक अन्य अधिकारी जोश गेल्टज़र को टीम स्थापित करने का निर्देश दिया. ये अन्य संबंधित अमेरिकी एजेंसियों को बताए बिना किया गया था क्योंकि कतर और इजरायल ने अत्यधिक गोपनीयता की मांग की थी और केवल कुछ ही लोगों को इसकी जानकारी थी.


बाइडन को बंधकों के रिहा होने से मिला विश्वास
बाइडन को हमास के हमले के पीड़ितों के बारे में जानकारी तब मिली, जब उन्होंने 13 अक्टूबर को पीड़ित अमेरिकी परिवारों के साथ एक लंबी बैठक की. इसके कुछ दिनों के बाद 18 अक्टूबर को बाइडेन ने इजरायल की यात्रा की और नेतन्याहू से मुलाकात की. अधिकारी ने कहा कि बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना नेतन्याहू और उनके युद्ध मंत्रिमंडल के साथ उनकी चर्चा का मुख्य मकसद था.


इसका असर भी देखने को मिला, जब 23 अक्टूबर को हमास ने दो अमेरिकियों को रिहा कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि दो अमेरिकियों की वापसी ने साबित कर दिया कि बंधकों को रिहा करना संभव है. इसने बाइडेन को विश्वास दिलाया कि कतर की तरफ से स्थापित की गई छोटी टीम के मदद से काम पूरा कर सकता है.


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