Israel Hamas War: हमास के साथ जंग के बीच अचानक क्यों 6000 भारतीयों को भेजा जा रहा इजराइल
Israrel Hamas War: युद्ध के बीच खबर है कि भारत के 6000 से ज्यादा श्रमिक इजराइल जाने वाले हैं. ये अप्रैल-मई के बीच जाएंगे.
Israrel Hamas War: इजरायल हमास के बीच जंग 6 महीने से अधिक वक्त से जारी है. इजराइल हमास के लड़ाकों को पूरी तरह खत्म करने की बात लगातार कह रहा है. जारी युद्ध के बीच भारतीय मजदूर एक बार फिर चर्चा में है. युद्ध के बीच खबर है कि भारत के 6000 से ज्यादा श्रमिक इजराइल जाने वाले हैं. ये अप्रैल-मई के बीच जाएंगे. दरअसल ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि युद्ध के बाद से इजराइल ने फिलिस्तिनी से काम लेना बंद कर दिया है.
इजराइल सरकार की तरफ कहा गया है कि चार्टर उड़ानों पर सब्सिडी के बाद 'एयर शटल' से अप्रैल और मई के दौरान भारत से 6000 से ज्यादा श्रमिकों को लाने पर लगभग एक सप्ताह पहले सहमति बनी थी.
इजरायल ने गाजा पर फिर हमला बोला
इधर इजराइल हमास के बीच जंग जारी है. इजरायल ने गाजा पर फिर हमला बोला है. बुधवार (10 अप्रैल, 2024) को गाजा पर उसने एयर स्ट्राइक की. इस अटैक में हमास चीफ इस्माइल हानियेह के तीन बेटे और पोते भी मारे गए. हिब्रू मीडिया के मुताबिक, इस्माइल हानियेह ने हत्याओं की पुष्टि की है. बयान में उनकी ओर से कहा गया, "गाजा के सभी नागरिकों ने मेरे बच्चों सहित अपने बच्चों के खून से इसकी कीमत चुकाई है." अरबी और हिब्रू मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया गया कि गाजा शहर में अल-शती शरणार्थी शिविर में एक वाहन में उनकी हत्या कर दी गई.
भारत ने जताई थी चिंता
भारत ने रमजान के महीने में गाजा में युद्धविराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को ‘सकारात्मक कदम’ बताया और कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष से पैदा हुआ मानवीय संकट ‘‘बिल्कुल अस्वीकार्य’’ है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने सोमवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कहा, ‘‘हम गाजा में जारी संघर्ष से बेहद चिंतित हैं. मानवीय संकट गहरा गया है और क्षेत्र एवं उसके बाहर अस्थिरता बढ़ रही है.’’
उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 25 मार्च को एक प्रस्ताव पारित किये जाने को ‘‘सकारात्मक कदम’’ के रूप में देखता है.
कंबोज ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष के कारण बड़ी संख्या में नागरिक, विशेषकर महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इस संघर्ष के कारण पैदा हुआ मानवीय संकट बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.’’