Israel Hezbollah Conflict: इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच अमेरिका ने इजरायल में एडवांस एंटी-मिसाइल सिक्योरिटी सिस्टम प्रणाली टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) भेज दिया है. यह कदम ईरान के हालिया मिसाइल हमलों और क्षेत्र में बढ़ते तनाव के जवाब में उठाया गया है. THAAD को इजरायल की एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूत करने के मकसद से तैनात किया गया है. इसकी मदद से ईरान या उसके सहयोगियों जैसे हिजबुल्लाह द्वारा संभावित बैलिस्टिक मिसाइल हमलों को रोका जा सके.
THAAD सिस्टम को बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है. इससे इजरायल के मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम को पहले से ज्यादा मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही लगभग 100 अमेरिकी सैनिकों को THAAD सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए तैनात किया गया है. पेंटागन का यह कदम 13 अप्रैल और 1 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमलों के बाद आया है.
इजरायल ईरान पर कर सकता है हमला
अमेरिका इजरायल की रक्षा में न केवल उसकी सहायता कर रहा है, बल्कि क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाकर राजनीतिक लाभ भी हासिल कर रहा है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब इजरायल ईरान के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई पर विचार कर रहा है, जिससे क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता का खतरा हो सकता है. अमेरिकी सेना ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया. इसके लिए इजरायली अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय परामर्श में हिस्सा लिया है ताकि क्षेत्र में तनाव को अनियंत्रित रूप से बढ़ने से रोका जा सके.
बीते 1 साल से इजरायल की मदद कर रहा अमेरिका
7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद से अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति को काफी बढ़ा दिया है. अमेरिकी विमान वाहक, युद्धपोत, और अतिरिक्त एयर डिफेंस सिस्टम को पूर्वी भूमध्य सागर, लाल सागर, और अरब सागर में तैनात किया गया है. इसके अलावा, अमेरिकी सैनिकों को साइप्रस में तैनात किया गया है, ताकि क्षेत्रीय निकासी योजनाओं में सहायता की जा सके. वहीं, अमेरिका द्वारा THAAD सिस्टम की तैनाती एक कड़ा संदेश देती है कि इजरायल के खिलाफ किसी भी आगे की सैन्य वृद्धि के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
जमीन स्तर पर संघर्ष तेज
जमीनी स्तर पर भी संघर्ष और भी तेज हो गया है. हिजबुल्ला ने लेबनान से संचालित होते हुए इजरायल के हाइफ़ा के पास एक सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमला किया, जिसमें चार इजरायली सैनिक मारे गए और 60 से अधिक लोग घायल हुए. यह हमला हिजबुल्लाह द्वारा इजरायल के हालिया हवाई हमलों की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें बेरूत पर हुए हमले में 22 लोग मारे गए थे.