Israel Attacked Iran: इजरायली सेना ने शनिवार (26 अक्टूबर) को ईरान पर 100 फाइटर जेट की मदद से हमला किया. इसमे कई सारे मॉर्डन वॉर मशीन भी शामिल थे, जिसमें F-35 और Adir stealth fighter मौजूद थे. IDF ने अटैक से पहले बहुत बारीकी से प्लान तैयार किया था. उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि ईरान के किसी तेल के कुएं समेत संभावित परमाणु बम के ठिकानों पर बम न गिर पाए. ऐसा करने के पीछे उनका सिर्फ एक ही मकसद था कि कोई व्यापक संघर्ष न बढ़ सके. सेना ने तय जगहों पर हमला करने से पहले 2000 हजार किलोमीटर का सफर तय किया था.
 
द जेरूसलम पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार इजरायल के हमले के बाद ईरान की तरफ से जवाबी कार्रवाई देखने की पूरे आसार दिख रहे हैं. इसको लेकर इजरायल हाई अलर्ट पर है. IDF ने हमला करने के लिए ईरान के इलम, खुज़ेस्तान और तेहरान प्रांतों को निशाना बनाया, जहां बर्बादी देखने को मिली.


इजरायल ने दिखाई चालाकी
इजरायल ने बड़ी ही चालाकी से सबसे पहले ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म किया. इसके बाद उन्होंने ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया. इससे फायदा ये हुआ है कि उनके किसी भी फाइटर जेट का किसी भी नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा. इससे पूर्व में इजरायल ने सीरिया पर हमला करने से पहले डिफेंस सिस्टम को खत्म कर दिया था, जिसकी वजह से ईरान सीरिया को समय रहते इजरायल की हमले के बारे में जानकारी देने से चूक गया था. हालांकि, अब इजरायली सेना ईरान, इराक, यमन, सीरिया और लेबनान से होने वाले संभावित हमलों पर नजर टिकाए हुए हैं. 


अमेरिका को थी हमले की जानकारी
घटना के बाद इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट और चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी तेल अवीव में मौजूद और वो होने वाले संभावित हमले के लिए सेना को तैयार रहने की हिदायत दे रहे हैं. IDF के प्रवक्ता आर.-एडम ने कहा, हम ईरान की तरफ से होने वाले हमले पर बारीकी से नजर बनाए रखे हैं. वहीं हमले पर अमेरिका ने इजरायल की कार्रवाइयों के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमला करना उसके आत्मरक्षा का एक सबूत है. इसके अलावा उन्होंने ईरान के द्वारा 1 अक्टूबर को किए गए हमले का प्रतीक है. अमेरिका ने जानकारी दी कि इजरायल ने हमला करने से पहले उन्हें जानकारी दी थी.


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