Israel-Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच तनाव एक लंबे समय से चला आ रहा है. हाल ही में मिसाइल स्ट्राइक की घटना ने इसे और बढ़ा दिया है. हालांकि इजरायल के पास ईरान की परमाणु साइटों पर हमला करने का मौका है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ऐसा नहीं करेगा. इसके बजाय इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला करने का फैसला किया है. इस रणनीति के पीछे मुख्य कारण यह है कि परमाणु ठिकानों पर हमला करने से ईरान के साथ एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध का खतरा बढ़ सकता है, जिसमें अमेरिका और पश्चिमी देश भी शामिल हो सकते हैं.


न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायल के लिए ईरान की परमाणु साइटों पर हमला एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है, लेकिन इस हमले से ईरान  अपने परमाणु हथियार निर्माण में और तेजी ला देगा. ईरान को पहले से ही ऐसे हमलों का अंदेशा है. इसलिए वो अपनी रक्षा करने के लिए कुछ भी कर सकता है. इस वजह से इजरायल ने फैसला किया है कि वह फिलहाल अपनी सुरक्षा रणनीति को लेकर संयम बरतेगा और क्षेत्रीय संघर्ष से बचने की कोशिश करेगा.


क्या ईरान ने किया न्यूक्लियर टेस्ट?
इस बीच ईरान में हाल ही में आए भूकंप के बाद यह अफवाह तेज हो गईं कि शायद ईरान ने न्यूक्लियर टेस्ट किया हो. हालांकि, किसी विशेषज्ञ ने इस बात की पुष्टि नहीं की है. फिर भी यह संदेह लगातार बना हुआ है कि क्या ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है. इजरायल के लिए मुख्य चिंता यह है कि वह अपनी उत्तरी सीमा पर लेबनान के हिज्बुल्लाह और हमास जैसे समूहों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है न कि ईरान के साथ एक बड़े युद्ध में उलझना. इसके अलावा अमेरिका भी इजरायल को यह सुझाव देता रहा है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने से बचे, क्योंकि इससे क्षेत्रीय अस्थिरता और अधिक बढ़ सकती है.






गंभीर स्थिति हो जाने पर इजरायल ले सकता है फैसला
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल फिलहाल हमास और हिजबुल्लाह पर अपनी स्थिति मजबूत करने पर ध्यान देगा. इजरायल तभी ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाएगा जब स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाएगी.


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