Israel Iran Conflict: हमास के नेता इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या के बाद से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है. जिसके बाद ईरान ने इजराइल को अंजाम भुगतने की धमकी दी है. हमले की आशंका को देखते हुए अमेरिका ने मिडिल-ईस्ट में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाने का फैसला लिया है. इसी के मद्देनजर अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने मध्य पूर्व में पनडुब्बी भेजने का आदेश दिया है.


सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने पश्चिम एशिया में निर्देशित मिसाइल पनडुब्बी भेजे जाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन’ विमानवाहक पोत ‘स्ट्राइक ग्रुप’ को और तेजी से इलाके की तरफ बढ़ने का निर्देश दिया है. इस बीच रक्षा विभाग ने रविवार (11 अगस्त) को कहा कि यूएसएस अब्राहम लिंकन विमानवाहक पोत स्ट्राइक ग्रुप को इलाके में और अधिक तेजी से जाने को कहा गया है.  


मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका का बड़ा फैसला  


डिफेंस सेक्रेटरी का ये आदेश ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका और उसके सहयोगी तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया और बेरूत में प्रमुख हिजबुल्ला कमांडर फौद शुकर की हत्या के बाद इलाके में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए इजराइल और हमास के बीच संघर्ष-विराम समझौता कराने की कोशिशों में जुटे हैं.  


मध्यपूर्व में तनाव बढ़ने के बीच US और इजरायली अधिकारियों ने बात की


न्यूआर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड जे. ऑस्टिन ने रविवार (11 अगस्त) को अपने इजरायली समकक्ष योआव गैलेंट से बात की. इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ने की बढ़ती आशंकाओं के बीच, ऐसा माना जा रहा है कि एक हफ्ते में दोनों के बीच यह तीसरी बार बातचीत है. इस बीच ‘पेंटागन’ के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने एक बयान में बताया कि ऑस्टिन ने इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट से बात की और इजराइल की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है.


इस दौरान जनरल राइडर ने बताया कि डिफेंस सेक्रेटरी ऑस्टिन ने मिडिल ईस्ट में गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी जॉर्जिया को भेजने का आदेश दिया था. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी मिसाइल पनडुब्बियों की आवाजाही को शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से उजागर किया जाता है. परमाणु से लैस ये जहाज लगभग पूरी गोपनीयता के साथ काम करते हैं.


ईरान और सहयोगियों की धमकी के जवाब में US ने भेजा जंगी बेड़ा


जनरल राइडर ने बताया कि डिफेंस सेक्रेटरी ने पहले ही इस इलाके में अतिरिक्त लड़ाकू विमान और मिसाइल दागने वाले युद्धपोतों का आदेश दे दिया है. यह आदेश ईरान और गाजा, लेबनान और यमन में उसके सहयोगियों की धमकियों के जवाब में आया है, जिसमें 31 जुलाई को तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हानिया की हत्या का बदला लेने के लिए इजरायल पर हमला करने की बात कही गई है.


USS अब्राहम लिंकन पर F-35 लड़ाकू विमान तैनात


‘यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट’ पश्चिम एशिया से जल्द ही वापस आना शुरू करेगा. हालांकि, पिछले हफ्ते ऑस्टिन ने कहा था कि ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन’ इस महीने के आखिर में सेंट्रल कमांड क्षेत्र में पहुंच जाएगा. इस विमान वाहक पोत पर एफ-35 लड़ाकू विमानों के अलावा एफ/ए-18 लड़ाकू विमान तैनात हैं. फिलहाल, प्रेस सचिव राइडर ने यह भी नहीं बताया कि यूएसएस जॉर्जिया मिसाइल पनडुब्बी कितनी जल्दी इस इलाके में पहुंच जाएगी.


मिडिल ईस्ट में क्यों बने ऐसे हालात?


ईरान समर्थित हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की बीते (31 जुलाई) को ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई थी. इस हमले के बाद ईरान ने इजरायल से बदला लेने की धमकी दी थी. जबकि, इजरायल गाजा में फिलिस्तीनी इस्लामी समूह से लड़ रहा है. वहीं, ईरान ने इस्माइल हानिया की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, इजरायल ने इस हमले की कोई जिम्मेदारी नहीं ली है.


जानिए क्या है गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी की ताकत?


परमाणु ऊर्जा से चलने वाली अमेरिकी पनडुब्बी दूरी तक सटीक मिसाइल हमला करने की क्षमता से लैस है. ये पनडुब्बियां अमेरिकी नौसेना को सीक्रेट अड्डे से हमला करना और स्पेशल ऑपरेशन मिशन पर मदद करती हैं. ओहायो क्लास पनडुब्बियों की लंबाई 560 फीट से ज्यादा और लगभग 18,750 टन का वजन होता है. ओहायो कैटागिरी की पनडुब्बियां अमेरिकी नौसेना के लिए बनाई गई सबसे बड़ी पनडुब्बियां हैं. साथ ही ये दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी पनडुब्बी है.


तेल अवीव जाने उड़ानों पर लगी रोक


हाल ही में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध के हालातों को देखते हुए एयर इंडिया ने तेल अवीव आने-जाने वाली अपनी उड़ानें रोक दी हैं. एयर इंडिया का कहना है कि वह तत्काल प्रभाव से अगले नोटिस तक इजरायल के शहर तेल अवीव जाने और वहां से आने वाली सभी उड़ानों को रद्द करती है.


ये भी पढ़ें: विनेश फोगाट को न्याय से किया गया वंचित, प्रियंका चतुर्वेदी ने क्यों साधा IOA पर निशाना?