Israel Iran War: आर-पार के मूड में है इजरायल, कैबिनेट मीटिंग में दे दी ईरान के खिलाफ हमले की मंजूरी, यह है प्लान
Israel Iran War: इजरायल और ईरान में तनातनी के बीच अमेरिका और यूरोपीय देश नहीं चाहते हैं कि इन दोनों मुल्कों के बीच रिश्ते बिगड़ें. फिलहाल वे नहीं चाहते कि ईरान के खिलाफ कार्रवाई हो.
Israel Iran War: इजरायल-ईरान में तनातनी के बीच बड़ी खबर आई है. इजरायल आर-पार के मूड की तैयारी में है. वहां के राजनीतिक संगठन और सेना भी ईरान को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं. मंगलवार को इसे लेकर हुई कैबिनेट बैठक में भी ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए मंजूरी दी गई. हालांकि, जवाबी हमला कब किया जाएगा? इसे लेकर समय या तारीख फिलहाल तय नहीं हो पाई है.
अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद इजरायल थोड़ा भ्रम में है. उसे नहीं पता कि ऐसे में क्या करना चाहिए. इस बीच, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान पर हमला करने को लेकर इजरायल असमंजस में है क्योंकि अमेरिका और यूरोप ने उसे संयम बरतने की सलाह दी है. देश में हालात देखते हुए बेंजामिन नेतन्याहू सरकार पर भी जवाबी कार्रवाई करने को लेकर दबाव है. ऐसे में कैबिनेट मीटिंग में आए फैसलों को लेकर कई बड़े मायने निकाले जा रहे हैं.
इसलिए युद्ध रोकना चाहता है अमेरिका
अमेरिका इस युद्ध को रोकना चाहता है. दरअसल, वहां इस साल चुनाव होंगे. राष्ट्रपति जो बाइडन पर वोटरों का दबाव है. ऐसे में अमेरिका एक नई जंग में कूदने का जोखिम नहीं उठाना चाहता है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को साफ संदेश दिया कि ईरान के हमले को नाकाम कर दिया है. इजरायल को नया हमला करके संघर्ष बढ़ाने की जरूरत नहीं है. यूरोपीय देश भी ईरान के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में नहीं हैं.
क्या है इजरायल का पूरा प्लान?
इजरायल का आरोप है कि तेहरान परमाणु बम तैयार करने में जुटा है. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इजरायल अस्तित्व के लिए खतरा मानता है, इसलिए वह ईरान में परमाणु केंद्रों को निशाना बना सकता है. हालांकि, यह बहुत आसान नहीं होगा. ईरान के अधिकांश परमाणु स्थल जमीन के बहुत अंदर बनाए गए हैं, जिससे उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. इजरायल को इसके लिए अमेरिका की मदद की जरूरत होगी, जो काफी मुश्किल होगा.
इजरायल ईरान के सैन्य ठिकानों को सीधा या साइबर हमला करके बदला ले सकता है. यह ईरान को एक संदेश होगा और इसमें कम लोग भी मारे जाएंगे. मध्य पूर्व में ईरान के हथियारबंद गुटों को एक बड़ा नेटवर्क है, जिनमें लेबनान का हिजबुल्लाह और यमन के हूती प्रमुख हैं. इराक और सीरिया में भी ईरान समर्थित आतंकी हैं. ईरान इन गुटों को हथियार और प्रशिक्षण देता है. बदले में ये तेहरान के समर्थन में इजरायल और पश्चिमी देशों के ठिकानों पर हमला करते हैं. इजरायल इनको भी निशाना बना सकता है. न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि जो बाइडन प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि इजरायल ईरान के अंदर सीमित हमला करेगा.
यह भी पढ़ेंः 'अद्भुत क्षण', असम में रैली के बीच समय निकालकर पीएम मोदी ने देखा रामलला का सूर्य तिलक