Lebanon Pager Blast: 'पेजर ब्लास्ट के लिए इजरायल ने 10 साल तक बनाया प्लान', वाशिंगटन पोस्ट का बड़ा दावा
Israel Lebanon War: इससे पहले रॉयटर्स ने भी इस मामले में एक रिपोर्ट में बताया था कि लेबनान में जिन पेजर और वॉकी टॉकी में धमाका हुआ, उसकी प्लानिंग इजरायल की तरफ से एक दशक से की जा रही थी.
Israel Hezbollah War and Pager Blast: लेबनान में 17 सितंबर 2024 को पेजर और फिर वॉकी-टॉकी में हुए ब्लास्ट में वॉशिंगटन पोस्ट में बड़ा खुलासा किया है. वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस घटना के पीछे इजरायल का हाथ था. उसी ने पेजर और वॉकी टॉकी में विस्फोट कराया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल इसकी प्लानिंग लंबे समय से कर रहा था. ये पेजर 2022 में इजरायल ने ही बनाए थे, वह इन हमलों की योजना 2015 से ही बना रहा था. 2022 में इजरायल में ये पेजर बने और बाद में चुपके से इन्हें अपोलो कंपनी की सप्लाई लाइन में मिक्स कर दिया गया.
बेचने वाली महिला ने इन पेजरों को बताया था सबसे सिक्योर
इसके बाद एक सेल्स वुमेन ने इन्हें बेचने के लिए हिजबुल्लाह के चीफ नसरल्लाह से संपर्क किया और उसे भरोसा दिलाया कि पेजरों और वॉकी-टॉकी को हैक करना और उन्हें ट्रेस करना नामुमकिन है. इसके बाद नसरल्लाह ने अपने लड़ाकों के लिए करीब 5 हजार पेजर खरीद डाले. महिला ने हिजबुल्लाह चीफ को ये भी बताया कि ये पेजर थोड़ा बड़ा है, लेकिन यह बड़ी बैट्री वाला पेजर नॉर्मल से कहीं बेहतर है.
रॉयटर्स ने भी अपनी रिपोर्ट में किया था बड़ा खुलासा
रॉयटर्स ने भी इस मामले में एक रिपोर्ट में बताया था कि लेबनान में जिन पेजर और वॉकी टॉकी में धमाका हुआ, उसकी प्लानिंग एक दशक से की जा रही थी. इन पेजरों और वॉकी टॉकी में खास तरह का विस्फोटक लगाया गया था. इसका नाम PETN यानी पेंटा एरिथ्रिटॉल टेट्रा नाइट्रेट है. ये एक तरह का प्लास्टिक बम होता है. इसे आरडीएक्स से भी खतरनाक माना जाता है.
इजरायल को विस्फोट करने में क्यों लगा इतना समय?
रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की खुफिया एजेंसी 9 साल तक हिजबुल्लाह की खुफिया जानकारी जुटाई. इसके बाद पेजर में विस्फोट रखकर उन तक पहुंचाया गया. इसके बाद यह तय हुआ कि किसी आपात स्थिति में ही इसका इस्तेमाल किया जाएगा. बाद वही हुआ. जैसे ही इजरायल और हिजबुल्लाह में युद्ध तेज हुआ, वैसे ही इजरायल ने इस पेजर बम को एक्टिविटे कर दिया जिसकी वजह से पेजर फटने लगे. इजरायल का मकसद हिजबुल्लाह के संचार तंत्र को नष्ट करना था. ये लोग मोबाइल यूज नहीं करते थे, सिर्फ पेजर के सहारे काम चलाते थे और पेजर विस्फोट के बाद इनका एक दूसरे से संपर्क कर पाना मुश्किल होता. इसका फायदा इजरायल को युद्ध के दौरान मिलता.
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