Israel-Iran War: इजरायल की ईरान पर बड़ी चोट, तबाह किया सीक्रेट न्यूक्लियर वेपन प्लांट! अधिकारियों का दावा
इजरायल के इस हमले ने ईरान के परमाणु अनुसंधान को बड़ा झटका दिया है और दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.
Israel-Iran nuclear weapons: इजरायल द्वारा अक्टूबर 2024 में ईरान पर किए गए हवाई हमलों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है.अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों ने दावा किया है कि इस हमले में ईरान की सीक्रेट परमाणु रिसर्च फैसिलिटी को निशाना बनाया गया था, जिससे ईरान के परमाणु हथियार अनुसंधान को भारी नुकसान पहुंचा. यह दावा एक्सियोस की रिपोर्ट में किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के हवाई हमले का लक्ष्य तेहरान से 20 मील दक्षिण-पूर्व में स्थित तालेघन सैन्य परिसर था.यह न्यूक्लियर फैसिलिटी पहले ईरान के अमद परमाणु हथियार कार्यक्रम का हिस्सा रही थी, जिसे 2003 में रोक दिया गया था. लेकिन इजरायली अधिकारियों ने लंबे समय से इसे सक्रिय होने का संदेह जताया है. हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि तालेघन परिसर की दो इमारतें पूरी तरह से नष्ट हो गईं.
इजरायली हमले का प्रभाव
इजरायली हमले में प्लास्टिक विस्फोटकों को डिजाइन करने वाले मशीन बर्बाद नष्ट हुए. ये परमाणु हथियारों में यूरेनियम के घेराव और विस्फोट के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. इजरायल का यह कदम ईरान के 2023 से चल रहे परमाणु हथियार अनुसंधान के प्रयासों को बड़ा झटका देने वाला साबित हुआ है. अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों ने दावा किया कि यह हमला ईरान की गुप्त सैन्य रिसर्च पर केंद्रित था, जिसे नागरिक उपयोग के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता था.
तालेघन फैसिलिटी का महत्व
तालेघन सैन्य परिसर, जो पहले ईरान के सैन्य परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा था, हाल के वर्षों में इजरायल की खुफिया निगरानी के तहत था.इजरायल और पश्चिमी देशों का दावा है कि ईरान इस फैसिलिटी का उपयोग परमाणु हथियारों के विकास के लिए कर रहा था, जबकि ईरान इसे नागरिक उपयोग के लिए प्रस्तुत करता रहा है.
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरानी सरकार ने इस हमले से किसी बड़े नुकसान की बात नकार दी थी. संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने भी इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. इजरायल लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए सक्रिय रहा है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित न कर सके. इजरायल के अनुसार, ईरान का परमाणु कार्यक्रम न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा है.