Israel-Lebanon War: इन दिनों इजरायली सेना हिज्जबुल्लाह के लोगों को चुन-चुनकर मारने का काम कर रही है. इसके लिए वो लेबनान में हवाई हमले के साथ-साथ जमीनी आक्रमण भी कर रहा है. इस बीच इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF)  लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के ठिकानों पर भी हमला कर चुका है. कुछ दिन पहले उन्होंने जहां शांति सेना के मेन गेट को उड़ा दिया था. इसके बाद उनके सैनिकों पर आंसू गैस के गोले दागे थे, जिसमें कई सारे लोग घायल भी हो गए थे. हालांकि, अब तो इजरायली सेना ने हद ही पार कर दी और शांति सैनिकों के वॉच टावर को निशाना बनाते हुए ध्वस्त कर दिया.


मामले पर संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बलों (UNIFIL) ने एक बयान जारी कर कहा कि इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में शांति सैनिकों के वॉच टावर बुलडोजर की मदद से बर्बाद कर दिया. ये ठीक वैसा ही है, जैसे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आरोपियों के घरों को तोड़ने के लिए करते हैं. इस पर यूनिफिल ने बयान जारी कर इजरायली सेना से अपने कर्मियों और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की अपील की है.


इजरायली सेना और हिजबुल्लाह के बीच जारी संघर्ष
इजरायली सेना ने दावा किया है कि हिजबुल्लाह दक्षिणी लेबनान में स्थित UNIFIL के ठिकानों के पास से हमले कर रहा है. हालांकि, हिजबुल्लाह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. इसके अलावा इजरायल ने यह भी आरोप लगाया है कि UNIFIL की मौजूदगी  हिजबुल्लाह के लिए सुरक्षा का काम कर रही है, जिससे उसकी सैन्य कार्रवाई प्रभावित हो रही है.


इजरायल ने की शांति सेना को हटाने की मांग
हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से UNIFIL सैनिकों को दक्षिणी लेबनान से हटाने की मांग की है. उनका आरोप है कि शांति सेना की वजह से हिजबुल्लाह के लोगों को मारने में दिक्कत आ रही है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने साफ कर दिया है कि UNIFIL अपनी जगह बना रहेगा और मिशन जारी रहेगा.


UNIFIL में भारत के सैनिकों के संख्या
इजरायल और लेबनान के सीमा पर मौजूद शांति सेना में कुल 10 हजार जवान हैं. इसमें दुनिया के 50 अलग-अलग देशों के सैनिक शामिल है. सबसे ज्यादा संख्या इंडोनेशिया के सैनिकों की है, जो 1,231 है. उसके बाद यूरोपीय देश इटली 1,068 और भारत के 903 सैनिक है. इस हिसाब से देखें तो सिर्फ भारत, इंडोनेशिया और इटली को ही मिलाकर कुल संख्या का 30 फीसदी हिस्सा ब्लू लाइन पर तैनात है.


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