येरुशलम: इस्राइल की संसद ने उस विवादित कानून को मंजूरी दे दी है जिससे वेस्ट बैंक में फलस्तीन की निजी जमीन पर बनी दर्जनों यहूदी बस्तियों को कानूनी मान्यता मिल गई है. इस कानून को संसद में 60 सदस्यों ने मंजूरी दी जबकि 52 सदस्य इसके विरोध में थे. संसद में कल इस कानून की तीसरी और अंतिम व्याख्या को पास किया गया. इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी प्रशासन को इस मुद्दे की जानकारी दे दी थी.


देश के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि वह लंदन से लौट रहे थे. संसद में विपक्षियों ने इस कानून का जबर्दस्त विरोध किया. उन्होंने चेतावनी दी कि यह कानून इस्राइल को नुकसान पहुंचाएगा. वहीं संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का कहना है कि इससे शांति स्थापित करने के मौके कमज़ोर होंगे. कानून को अंतिम रूप देने के बाद धुर दक्षिणपंथी (एक्सट्रीम राइट) जूइश होम के नेता बेजालेल स्मोट्रिक ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनाने के लिए अमेरिकी जनता का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के बिना कानून पास नहीं हो पाता.