Israel Palestinian Conflict: इजरायल-फिलिस्तीन के बीच खूनी संघर्ष थम नहीं रहा. खबर है कि अब इजरायली सेना ने एक कैंप के अंदर घुसकर कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में 9 फिलिस्तीनियों की जान चली गई. वहीं, 20 अन्य घायल हो गए. फिलिस्तीनियों ने कहा कि इजरायली सेना निर्दोष लोगों की हत्या कर रही है.
टाइम्स ऑफ इजरायल के रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली आर्मी के जवान गुरुवार (26 जनवरी) को जेनिन रिफ्यूजी कैंप के अंदर गए, जहां वे दंगाइयों को गिरफ्तार करने पहुंचे थे. हालांकि वहां मौजूद फिलिस्तीनियों ने हमला कर दिया. इजरायली सेना का कहना है कि वहां उन पर बम से हमला होना वाला था. फिलिस्तीनियों ने अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं. जिसके बाद इजरायली सेना ने जवाबी कार्रवाई की.
इजरायल के हमले में 9 फिलिस्तीनियों की मौत
आज की घटना पर फिलिस्तीनी अथॉरिटी हेल्थ मिनिस्ट्री ने इजरायल के उलट दावा किया है. फिलिस्तीन की ओर से एक बयान में कहा गया कि इजरायली सेना के हमले में 9 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है और 20 अन्य घायल हो गए हैं. घायलों में चार गंभीर हालत में हैं. बताया जा रहा है कि बुधवार (25 जनवरी) को इजराइली सैनिकों ने दो लोगों की जान ले ली. वे दोनों किशोर थे.
वेस्ट बैंक में इजरायली सेना की गोलीबारी
फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा कहा, ''इजरायली हमले की पहली घटना में 22 वर्षीय अर्रेफ़ अब्देल नासिर अर्रेफ़ लाहलोह की की जान गई. उसे इजरायली कब्जे वाले वेस्ट बैंक फ़िलिस्तीनी शहर किलकिल्या के पास मारा गया.''
वहीं, इजरायली सेना के आरोप हैं कि लाहलो ने कडुमिम की यहूदी बस्ती के पास जवान को छुरा घोंपने की कोशिश की थी. वो चाकू के साथ इजरायल डिफेंस फोर्स की चौकी तक पहुंच गया था. इसलिए उसे निशाना बनाया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस युवक को निशाना बनाया गया, वो इस साल वेस्ट बैंक में मारे गए फिलिस्तीनी में 19वां था. जान गंवाने वालों में फिलिस्तीनी नागरिक और लड़ाके दोनों शामिल हैं. इनमें से अधिकतर को इजरायली सेना ने गोली से मारा.
17 साल के किशोर को भी मार डाला गया
फ़िलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक, इजरायली फोर्स ने बुधवार (25 जनवरी) को यरुशलम के शुआफत रिफ्युजी कैंप में एक 17 साल के किशोर की जान ले ली. उसकी पहचान मोहम्मद अली के रूप में की गई.
हमलावर के घर को ध्वस्त करने कैंप में गई थी सेना
इजरायली मीडिया में बताया जा रहा है कि इजरायली सेना एक हमलावर उदय तमीमी के ठिकाने की तलाश में कैंप में गई थी, जिसने अक्टूबर में एक चौकी पर सैन्य पुलिसकर्मी नोआ लज़ार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इजरायली पुलिस ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान वहां मौजूद नकाबपोश आतंकवादियों ने पुलिस अधिकारियों पर पाइप बम और मोलोटोव कॉकटेल फेंके. तमीमी को 10 दिन की तलाशी के बाद इजरायली सेना ने मार गिराया था.
इजरायली लोगों की तुलना में फिलिस्तीनियों की ज्यादा मौतें
यह देखने में आया है कि इज़रायल उन लोगों के घरों को ध्वस्त कर देता है, जिन्हें वह इजराइलियों पर हमलों के लिए दोषी ठहराता है. एएफपी की रिपेार्ट के मुताबिक, कम से कम 26 इजरायली और 200 फिलिस्तीनी इजरायल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में मारे गए.
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