भारत की राह पर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा इजरायल, जो बाइडन के धोखे के बाद किया बड़ा ऐलान
Weapon supply delayed gaza conflict : गाजा के साथ युद्ध के दौरान इजरायल को हथियारों की जरूरत थी. तब कहा जाता है कि अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने इजरायल के हथियार आपूर्ति में जानबूझकर देरी की थी.
Israel War US Weapon : इजरायल की सरकार ने अपने देश में ही बड़े पैमाने पर हथियार बनाने को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. इजरायली सरकार ने हथियार बनाने वाली दिग्गज कंपनी इल्बिट सिस्टम को तबाही मचाने वाला भारी बम बनाने को कहा है. दरअसल, इजरायल को गाजा युद्ध के दौरान हथियारों और भारी बमों की सख्त जरूरत थी, तब अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने हथियारों की सप्लाई में जानबूझकर देरी की थी.
इजरायल की डिफेंस प्लानिंग कमेटी ने इसे लेकर हाल ही में चेतावनी दी थी और अमेरिका से हथियारों पर निर्भरता को लेकर आगाह किया था. इससे सबक लेते हुए इजरायल ने अपने ही देश में हथियार बनाने का ऐलान किया है और हथियार बनाने वाली दिग्गज कंपनी इल्बिट सिस्टम के साथ 27 करोड़ 50 लाख डॉलर का समझौता किया है.
उल्लेखनीय है कि इजरायल के पहले भारत ने भी विदेशी हथियारों पर अपनी निर्भरता को कम करने और आत्मनिर्भरता पर जोर देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल की शुरुआत की थी. वहीं अब इजरायल भी भारत की राह पर आत्मनिर्भरता की ओर चल पड़ा है.
इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
इजरायल के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इल्बिट सिस्टम के साथ दो रणनीतिक समझौते हुए हैं, जिसके तहत हजारों की संख्या में हवा से गिराए जाने वाले बम बनाए जाएंगे. वहीं, कच्चा माल बनाने के लिए एक राष्ट्रीय सुविधा केंद्र भी बनाया जाएगा.
इजरायल के इस कदम का उद्देश्य हथियार बनाने में आत्मनिर्भरता हासिल करना और विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करना है. इजरायली मीडिया के मुताबिक, गाजा युद्ध के दौरान भारी हथियारों की आपूर्ति में बाइडन प्रशासन की देरी की थी और बाइडन नेतन्याहू सरकार की नीतियों से नाखुश थे.
अपने हथियारों के उत्पादन को बढ़ाना चाहता है इजरायल
युद्ध के दौरान अमेरिका से हथियार आपूर्ति में देरी के अलावा इजरायल को विदेशी स्रोतों से कच्चा माल हासिल करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा था. इसी वजह से इजरायल अब अपने हथियारों के उत्पादन को बढ़ाना चाहता है. वहीं, इजरायल जो राष्ट्रीय सुविधा केंद्र बनाने जा रहा है, वह बम बनाने में इजरायल की मदद करेगी. इजरायल को उम्मीद है कि इस कदम से वह बम बनाने में जल्द ही आत्मनिर्भर हो जाएगा.