Israel-Palestine Conflict: बीते हफ्ते शनिवार (7 अक्टूबर 2023) को हमास ने तड़के हमला कर दिया और इजरायल में लगभग 1200 आम नागरिकों की हत्या कर दी. जिसके जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी पर हमास के ठिकानों पर हमले करने शुरू कर दिए. इजरायल के रक्षा मंत्री ने कहा, भविष्य में अब कोई गाजा नहीं होगा. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्या है जिसको लेकर इजरायल और फलस्तीन आपस में लड़ रहे हैं.


14 मई 1948 को मध्य पूर्व में एक देश अस्तित्व में आया, जिसका नाम इजरायल था. जिस दिन इजरायल बना उसके अगले ही दिन इजरायल का मिस्र, जॉर्डन, सीरिया और ईरान जैसे देशों के साथ युद्ध शुरू हुआ. इस युद्ध में फलिस्तीनी भी शामिल थे, लेकिन अरब देशों पर यहूदी भारी पड़े. एक साल बाद जंग खत्म हुई. इजरायली फौज ने साढ़े सात लाख फलस्तीनियों को खदेड़ दिया. फलस्तीन का बड़ा इलाका इजरायल के कब्जे में आ चुका था.


जब दो हिस्सों में टूटा फलस्तीन
1949 में एक इजरायल ने एक आर्मिस्टिस लाइन खींची जिसमें फलस्तीन के 2 इलाके बने. पहला वेस्‍ट बैंक और दूसरा गाजा. गाजा को गाजा पट्टी भी कहा जाता है. सत्तर के दशक में फलिस्तीन में एक नेता उभर कर आता है. नाम था यासिर अराफात. अराफात ने पीएलओ यानी फलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन बनाया. 20 साल में पीएलओ ने इजरायल पर कई हमले किए. यहां पर उसने इजरायल के खिलाड़ियों और दूतावास को निशाना बनाया. दो दशकों तक पीएलओ के इजरायल पर हमले होते रहे लेकिन 1993 में शांति की पहल की गई. 
 
44 सालों बाद पीएलओ और इजरायल के बीच शांति
1993 में पीएलओ के नेता यासिर अराफात और इजरायली पीएम यित्जाक राबिन ने एक समझौते पर दस्तखत किए.जिसके मुताबिक पीएलओ कट्टरपंथ और हिंसा का रास्ता छोड़ेगा तो वहीं इजरायल ने भी शांति का वादा किया. समझौते के बाद फलस्तीन नेशनल अथॉरिटी बनाई गई जो इंटरनेशनल लेवल पर फलस्तीन की नुमाइंदगी करती थी लेकिन फलस्तीन के एक गुट को ये मंजूर नहीं था. उस गुट का नाम हमास था.


हमास ने संभाली लड़ाई की कमान 
ओस्लो समझौते के दो साल बाद इजरायली प्रधानमंत्री यित्जाक राबिन की हत्या कर दी गई. हत्या का इल्जाम इजरायल के राइटविंग के समर्थकों पर लगता है. बस यहीं से इजरायल और फलस्तीन के बीच संघर्ष का नया दौर शुरू होता है. जिसके सेंटर में हमास था. 


हमास का पूरा नाम हरकत अल-मुकावामा अल-इस्‍लामिया है. 1989 में इसमें इसने पहले हमले को अंजाम दिया. जिसमें दो इजरायली मारे गए. अक्टूबर 1994 में हमास ने पहला फिदायीन हमला किया. तेल अवीव में हुए उस हमले में 22 इजरायली नागरिक मारे गए थे.


1988 में हमास ने अपना पहला चार्टर प्रकाशित किया जिसके बाद हमास के हमले तेज होते चले गए. 2004 में इजरायली एयरस्ट्राइक में हमास का संस्थापक शेख अहमद यासीन मारा गया. साल 2005 में इजरायल ने गाजा पट्टी पर अपना कब्जा छोड़ दिया तभी से गाजा में हमास की हुकूमत रही है.


ये भी पढ़ें: Israel Hamas War: पिछले डेढ़ साल से गुपचुप तरीके से हमास कर रहा था तैयारी, पढ़िए इजरायल पर अटैक की इनसाइड स्टोरी