Israel Palestine Controversy Risign Again: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच फिर से तनाव बढ़ता नजर आ रहा है. इजरायल के नए राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर ने रविवार को कहा कि उन्होंने पुलिस को सार्वजनिक स्थानों से फिलिस्तीनी झंडे हटाने का निर्देश दिया है.


इजरायली कानून फ़िलिस्तीनी झंडों को अवैध नहीं ठहराता है, लेकिन पुलिस और सैनिकों को उन मामलों में उन्हें हटाने का अधिकार है जहां उन्हें लगता है कि सार्वजनिक व्यवस्था के लिए ये खतरा है.


बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा रहा है इसे


बेंजामिन नेतन्याहू की नई सरकार में एक अल्ट्रानेशनलिस्ट पार्टी के प्रमुख और पुलिस की देखरेख करने वाले मंत्री बेन-गवीर के इस निर्देश को बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा. पिछले दिनों बेन-गवीर के अल अक्सा मस्जिद के दौरे से भी तनाव बढ़ गया था.


इस वजह से दिया गया झंडे हटाने का निर्देश


यह पूरा विवाद पिछले हफ्ते एक फिलिस्तीनी कैदी के रिहा होने के बाद से शुरू हुआ है. इस फिलिस्तीनी पर 1983 में एक इजरायली सैनिक के अपहरण और हत्या का दोष था. वह लंबे समय से जेल में था. पिछले हफ्ते उसकी रिहाई की गई. इसके बाद उत्तरी इज़राइल स्थित उसके गांव में उसका स्वागत करते हुए फिलिस्तीनी झंडा लहराया गया था. इस मामले के सामने आने के बाद ही मंत्री बेन-गवीर ने यह निर्देश दिया है.


अपने निर्देश के पीछे बेन-गवीर ने दिया यह तर्क


बेन-गवीर ने एक बयान में कहा कि फ़िलिस्तीनी झंडा लहराना आतंकवाद का समर्थन करने जैसा है. ऐसा नहीं हो सकता है कि कानून तोड़ने वाले आतंकवादी झंडे लहराएं. ये आतंकवाद को उकसाते और प्रोत्साहित करते हैं. इसलिए मैंने सार्वजनिक स्थान से आतंकवाद का समर्थन करने वाले झंडे हटाने और इजरायल के खिलाफ उकसावे को रोकने का आदेश दिया है.


बड़ी संख्या में इजरायल में रहते हैं फिलिस्तीनी


इज़रायल में अरब लोग आबादी का लगभग पांचवां हिस्सा है और अधिकांश फिलिस्तीनियों के वंशज हैं जो 1948 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद नव स्थापित देश के अंदर ही रह गए. उन्होंने लंबे समय से इजरायल की राजनीति में अपनी जगह पर बहस की है. अपनी फिलिस्तीनी विरासत को अपनी इजरायली नागरिकता के साथ संतुलित करते हुए ये लोग आगे बढ़ रहे हैं. वहीं, इनमें से कुछ लोग फिलिस्तीनी झंडे को फहराते हैं.


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