बेंजामिन नेतन्याहू UN में फिलिस्तीन पर हुई वोटिंग पर भड़के, कहा- इजराइल मजबूर नहीं याद रखें
Israel pm Benjamin Netanyahu: संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग हुई जिसमें कहा गया कि फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के लंबे समय तक कब्जे और उसे अलग करने के कानूनी परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से राय मांगी जाए.
Israel pm Benjamin Netanyahu: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभालने के बाद फॉर्म में लौट आए हैं. उन्होंने रविवार को संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन पर हुई वोटिंग पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि याद रखा जाए कि इजराइल किसी भी तरह से मजबूर नहीं है. नेतन्याहू ने सख्त लहजे का इस्तेमाल करते हुए कहा कि इजरायल संयुक्त राष्ट्र के घृणित वोटिंग मानने को मजबूर नहीं है.
क्या कहा बेंजामिन नेतन्याहू ने
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चाहे कितने भी प्रस्ताव ला दे, जो सच्चाई है वो नहीं बदलने वाली है. उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि यहूदी लोग अपनी भूमि पर कब्जा करने वाले नहीं हैं. वो न ही शाश्वत राजधानी यरुशलम में कब्जा करने वाले हैं.
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग हुई जिसमें कहा गया कि फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के लंबे समय तक कब्जे और उसे अलग करने के कानूनी परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से राय मांगी जाए. इसके पक्ष में वोट पड़े, जिसको लेकर बेंजामिन नेतन्याहू यूएन पर भड़के हैं.
बता दें कि जो प्रस्ताव यूएन में लाया गया था उसमें 'इजरायली गतिविधियां जो पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में वहां के लोगों के मानवाधिकारों को प्रभावित करती हैं.' इसमें अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से सलाह देने का अनुरोध किया गया था. 1967 के बाद से फिलिस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा करके, बस्तियां बसाकर और आक्रमण करके इसरायल की ओर से किए जा रहे फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के उल्लंघन के क्या कानूनी परिणाम हो सकते हैं, इसको लेकर राय मांगने की बात कही गई थी.
बेंजामिन नेतन्याहू का जीवन कैसा रहा है
नेतन्याहू की मां का नाम त्ज़िला सहगल है. वह इजरायल में ही जन्मी एक यहूदी थी. उनके पिता बेंजियन नेतन्याहू पोलैंड के एक धर्मनिरपेक्ष यहूदी थे. उनके पिता ने फिलिस्तीन में बसने के बाद उनका नाम बदलकर बेंजियन नेतन्याहू कर लिया था.
नेतन्याहू का जन्म 1949 में जाफा में हुआ था. बाद में उनका पालन-पोषण यरूशलेम में हुआ और वे संयुक्त राज्य अमेरिका के हाई स्कूल में पढ़ाई करने के लिए गए.
नेतन्याहू के पिता एक "संशोधनवादी जियोनिस्ट" थे. उनका मानना था कि पड़ोसी अरब राज्यों के साथ समझौता नहीं हो सकता है. उनका मानना था कि इजरायल को जॉर्डन नदी के दोनों किनारों पर मौजूद होना चाहिए.
कब क्या बने बेंजामिन नेतन्याहू
सेना कप्तान: साल 1967 में नेतन्याहू इजरायली सेना में शामिल हो गए और जल्द ही एक कमांडो बन गए. उन्होंने 1973 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान कप्तान की भी भूमिका निभाई थी.
राजदूत: साल 1982 में नेतन्याहू को वाशिंगटन डीसी में इजराइली दूतावास में मिशन का उप प्रमुख नियुक्त किया गया था. 1984 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र में इजराइल का राजदूत नियुक्त किया गया.
उप विदेश मंत्री: साल 1988 में नेतन्याहू को तत्कालीन प्रधानमंत्री यित्ज़ाक समीर के मंत्रिमंडल में उप विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था.
लिकुड अध्यक्ष: साल 1993 में दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के अध्यक्ष के पद तक पहुंचने के बाद नेतन्याहू ने 1992 के चुनाव में अपनी हार के बाद पार्टी की राजनीतिक सत्ता में वापसी करने की योजना बनाई थी.
प्रधान मंत्री: उन्होंने 1996 से 1999 तक प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया और 2009 से 2021 तक 12 साल के कार्यकाल का रिकॉर्ड बनाया. आज प्रधानमंत्री के रूप में उनका छठा कार्यकाल है.
नेतन्याहू पर क्या आरोप लगे हैं
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. उन्हें 2019 में लंबे समय से चल रहे मामलों में करोड़पति दोस्तों से उपहार लेने और अनुकूल कवरेज के बदले में मीडिया टाइकून के लिए नियामक एहसान मांगने के आरोप में आरोपित किया गया था. उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया था. उन्होंने 2019 में दोषी ठहराए जाने के बाद देश के नेतृत्व से हटने के आह्वान को खारिज कर दिया था. उन्होंने मीडिया और अदालतों को उनके खिलाफ "विच-हंट" करने के लिए बार-बार लताड़ लगाई थी.