यरुशलम: इजराइल के न्याय मंत्रालय (Israel's Justice Ministry)  ने एलान किया कि उसकी जांच में ऐसा कोई ‘‘संकेत नहीं’’ मिला कि पुलिस ने दर्जनों सार्वजनिक हस्तियों के मोबाइल फोन (mobile phones) अवैध तरीके से हैक किए. ये एक प्रमुख इजराइली अखबार (Israeli newspaper) में छपी खोजी खबरों में किए गए दावों के विपरीत है.


इजराइल (Israel) के अटॉर्नी जनरल ने ‘कैलकलिस्ट’ बिजनेस दैनिक अखबार की खबरों के बाद पिछले महीने जांच के आदेश दिए थे. इन खबरों में कहा गया था कि पुलिस ने नेताओं, प्रदर्शनकारियों और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी लोगों की भी जासूसी की.


अखबार ने दावा किया था कि पुलिस ने अदालत से वारंट हासिल किए बिना इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाए विवादित स्पाईवेयर पेगासस (spyware pegasus) का इस्तेमाल किया.


क्या कहा न्याय मंत्रालय ने?
न्याय मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश के उप अटॉर्नी जनरल द्वारा की गयी जांच में इन दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिला. उसने कहा, ‘‘ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि पुलिस ने मीडिया में प्रकाशित सूची में शामिल लोगों के खिलाफ अदालती आदेश के बिना पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया.’’ उसने कहा कि एनएसओ और सरकारी सुरक्षा विशेषज्ञों ने जांच में सहयोग किया.


जांच में पाया गया कि पुलिस ने सूची में शामिल लोगों में से तीन के फोन पर जासूसी करने की मंजूरी ली थी, लेकिन एक मोबाइल फोन की ही जासूसी की गयी. उसने कहा कि जांचकर्ताओं ने पुलिस द्वारा दूसरी तरह के स्पाईवेयर के इस्तेमाल की भी जांच की और उन्हें गलत काम के कोई भी संकेत नहीं मिले.


गौरतलब है कि कैलकलिस्ट की खबरों पर काफी हंगामा मचा था. मौजूदा प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा था कि आरोप ‘बहुत गंभीर’ हैं और नेतन्याहू ने ‘‘ठोस और स्वतंत्र जांच’’ की मांग की थी.


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