(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Israel-Iran Relations: इजराइल के पीएम का आरोप- ईरान ने परमाणु कार्यक्रम की जांच से बचने के लिए चुराए यूएन के दस्तावेज
Israel-Iran Relations: इजरायल के प्रधान मंत्री नफ्ताली बेनेट ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "ईरान ने गोपनीय (आईएईए) दस्तावेज चुरा लिए... और उस जानकारी का इस्तेमाल परमाणु जांच से बचने के लिए किया.
Israel-Iran Relations: इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) ने ईरान (Iran) पर आंतरिक संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी रिपोर्ट (Internal U.N. Nuclear Watchdog Reports) चोरी करने का आरोप लगाया. बेनेट के मुताबिक ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की जांच से बचने के तरीके तैयार करने की योजना के तहत यह रिपोर्ट चुराई. एएफपी के मुताबिक न तो तेहरान और न ही अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने आरोपों के बारे में टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब दिया.
इजराइल के ये आरोप उस अभियान का हिस्सा लगते हैं जो रुकी हुई वियना वार्ता में ईरानी परमाणु समझौता-2015 को बड़ी शक्तियों द्वारा रिन्यू करने से रोकने के लिए वह चला रहा है.
बेनेट ने सोशल मीडिया पोस्ट में लगाए आरोप
बेनेट ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "ईरान ने गोपनीय (आईएईए) दस्तावेज चुरा लिए... और उस जानकारी का इस्तेमाल परमाणु जांच से बचने के लिए किया. "हम कैसे जानते हैं? क्योंकि ईरान की धोखे की योजना पर हमारी नजर थी." बेनेट ने कथित दस्तावेजों में एक ईरानी रक्षा अधिकारी के हवाले से लिखा है कि "जल्द या बाद में वे (आईएईए) हमसे पूछेंगे, और हमें उनके लिए एक व्यापक कवर स्टोरी की आवश्यकता होगी"
ईरान का दावा है उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है. इज़राइल, वाशिंगटन और आईएईए ने लंबे समय से स्पष्ट किया है कि उनका मानना है कि ईरान के पास 2003 तक एक समन्वित परमाणु हथियार कार्यक्रम है.
आईएईए ने ईरान की पिछली गतिविधियों की जांच में एक दशक से अधिक समय बिताया, और अब तीन अघोषित स्थलों पर पाए गए यूरेनियम कणों की उत्पत्ति पर ईरान से फिर से जवाब मांग रहा है.
विश्व शक्तियों ने की ईरान से बातचीत
इससे अलग संयुक्त राज्य अमेरिका और पांच अन्य शक्तियों ने 2015 के सौदे को नवीनीकृत करने पर ईरान के साथ बातचीत की है, जिसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपर्याप्त मानते हुए छोड़ दिया था.
इज़राइल उन वार्ताओं का पक्ष नहीं है, लेकिन विदेशी शक्तियों पर उसका कुछ प्रभाव है. इजरायल के विदेश मंत्री यायर लैपिड ने तेल अवीव रेडियो स्टेशन 103 एफएम को बताया, "हम कह रहे हैं: यह एक अच्छा सौदा नहीं है, और अगर इस पर हस्ताक्षर नहीं किए गए तो कोई आपदा नहीं होगी."
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