तेल अवीव: इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने बीते बुधवार को बड़ी घोषणा की. इस घोषणा में ये जानकारी साझा की गई कि इसे भारत से 777 मिलियन डॉलर (56,98,12,95,000 रुपए) का ठेका मिला है. इस ठेके तहत कंपनी भारतीय नेवी को लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल देगी. ये सिस्टम एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम बराक- 8 का नेवी वाला वर्जन है. इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम से सात जंगी जहाजों को लैस किया जाएगा.
आपको बता दें कि रूस, अमेरिका और फ्रांस के बाद इजराइल भारत का चौथा सबसे बड़ा हथियार सप्लायर है. भारतीय फौज की क्षमता में चमत्कारिक बदलाव करने वाला भी एक सौदा अप्रील महीने में किया गया था. इस सौदे के तहत भारत ने इस्राइल को ज़मीन से हवा में मार करने वाले उन्नत मिसाइल सिस्टम के लिए दो बिलियन डॉलर (1,46,67,00,00,000 रुपए) का करार किया था.
इस डील के तहत इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री भारतीय फौज को मध्यम रेंज की ज़मीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल मुहैया कराएगी. इससे भारतीय फौज़ 70 किलोमीटर तक की रेंज वाले एयरक्राफ्ट, मिलाइल और ड्रोन को मार गिरा सकेगी. वहीं, भारतीय नेवी ने इस्राइल से हासिल होने वाली इन मिसाइलों को पहली बार 2015 में छोड़ा था. इस फायरिंग में नेवी, डीआरडीओ और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री शामिल थे.
अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस से एस- 400 मिसाइल प्रणाली खरीदी है. करीब 39,000 करोड़ रुपये के इस सौदे भारत ने ऐसे पांच सिस्टम खरीदे हैं जिससे देश हवा में मार करने के मामले में बेहद ताकतवर हो गया.
क्या है एस- 400 मिसाइल सिस्टम
एस 400 मौजूदा दौर का बेहतरीन मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. ये अमेरिका के थाड मिसाइल सिस्टम से बेहद अधिक मारक क्षमता वाला है. ये जमीन से हवा में मार करने वाले सिस्टम से लैस है. रूस के अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने इसे विकसित किया है. ये S-300 सीरीज का एडवांस वर्जन है. इसकी रेंज 400 किलोमीटर और ऊंचाई 30 किलोमीटर की है. भारत के पास अभी ऐसी सिर्फ दो मिसाइलें बराक और आकाश हैं. दोनों की रेंज 100 किमी से ज्यादा नहीं है. ऐसे में एस 400 से ताकत भारत की ताकत में बहुत ज़्यादा इजाफा होगा. ये मिसाइल सिस्टम 5 मिनट में हमले के लिए तैयार हो जाता है. वहीं, ये एक साथ 100 टारगेट पर निशाना साध सकता है. चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों से निपटने में ये बेहद कारगर साबित हो सकता है.
हालांकि, इस खरीद के पहले अमेरिका ने सहयोगी देशों को चेतावनी जारी की है. ये चेतावनी रूस के साथ किसी तरह के हथियार खरीद को लेकर जारी की गई है. अमेरिका ने रूस पर पाबंदियां लगा रखी हैं और इस सबसे शक्तिशाली देश का दुनिया से कहना है कि इन पाबंदियों को मुख्यतौर पर हथियार खरीद और बड़े सौदों के परिप्रेक्ष्य में ही लागू किया जाएगा. अमेरिका ने ये बयान रूसी राष्ट्रपति के भारत पहुंचने के एक दिन पहले यानी बुधवार को दिया है और अब जब भारत-रूस के बीच एस- 400 मिसाइल सिस्टम समेत कई बड़े समझौते हो सकते हैं, तो आइए आपको बताते हैं कि क्या है अमेरिक का कानून CAATSA जिसका साया भारत-रूस के इन सौदों पर मंडरा रहा है.
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