Middle East Muslim Country United: गाजा में अल-अहली अस्पताल में बम धमाके के बाद अरब और मध्य पूर्व के देश एकजुट होते दिख रहे हैं. इसमें इजरायल के खिलाफ जो देश सबसे आगे है वो है ईरान. उसने अल- अहली अस्पताल धमाके के बाद सभी मुस्लिम देशों को एक साथ आने की बात कही थी. इसके बाद से सभी मुस्लिम देश एक के बाद एक इजरायल के खिलाफ होते दिख रहे हैं.
इजरायल से सटा देश जॉर्डन गाजा अस्पताल हमलों के लिए इजरायल को दोषी मानता है, उसका मानना है कि उस हमले में इजरायल शामिल था, जबकि इजरायल ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. वहीं बहरीन, मोरक्को और तुर्किए ने भी इजरायल के खिलाफ लामबंदी शुरू कर दी है.
बहरीन और मोरक्को ने इजरायल के अपने राजदूतों को वापस बुला लिया. सीरिया और लेबनान ने भी हमास के सहयोगी के तौर पर बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि अगर इजरायल गाजा पर हमले जारी रखता है तो उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी.
सऊदी और संयुक्त अरब अमीरात साथ-साथ
गाजा अस्पताल हमले के बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के रूख में भी बदलाव देखा जा सकता है. जंग की शुरूआत में संयुक्त अरब अमीरात इजरायल के साथ दिख रहा था लेकिन अब वह इजरायल की आलोचना कर रहा है और सऊदी अरब के साथ अपने मतभेदों को खत्म करते हुए आगे आकर युद्ध में मध्यथ की भूमिका निभा रहा है.
दोनों देशों को डर है कि कहीं इजरायल-हमास जंग की लपटें उनकी सीमाओं तक न पहुंच जाएं, ऐसे में दोनों देशों की कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द हमास-इजरायल जंग को खत्म करते हुए विवादों के निपटारा कर दिया जाए.
मध्य-पूर्व देशों के एक साथ आने से अमेरिका की चिंताएं बढ़ सकती है, क्योंकि इस युद्ध की शुरूआत से अमेरिका इजरायल का समर्थन कर रहा है, लेकिन अगर ऐसे में मध्य-पूर्व देश अमेरिका से इतर इस जंग को शांत करा लेते हैं तो अमेरिका के लिए शर्मनाक होगा और सुपर पावर इमेज को भी नुकसान पहुंचेगा.
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