Israel Hamas War: खान यूनिस में इजरायल ने बरपाया कहर, 18 लोगों की मौत, नरक में जीने को मजबूर गाजा के लोग
Israel Hamas War Update: युद्ध के तीन महीने बाद गाजा पट्टी की स्थिति दयनीय बनी हुई है. सीवरों के फैलने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. ठंड में लोग मजबूरन खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं.
Israel Hamas War: इजरायल हमास के बीच जंग को तीन महीने पूरे होने को हैं. 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के लड़ाकों ने अचानक इजरायली क्षेत्र पर हमला कर दिया था, इसके बाद से ही इजरायल गाजा पट्टी स्थित हमास के ठिकानों पर हमले कर रहा है. ऐसे में शनिवार (06 जनवरी) को इजरायली हवाई हमले में खान यूनिस में 18 लोगों की मौत हो गई.
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक घर पर इजरायली हमले में 18 लोग मारे गए. संयुक्त राष्ट्र ने युद्ध पर अपनी ताजा ब्रीफिंग में कहा कि पिछले 24 घंटों में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि गुरुवार और शुक्रवार दोपहर के बीच 162 फ़िलिस्तीनियों के मारे जाने और लगभग 296 घायल होने की सूचना है.
संक्रामक रोग फैलने का बढ़ा खतरा
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलाशय पंपिंग स्टेशन को हुए नुकसान और लैगून से रिसाव के कारण शुक्रवार को उत्तरी गाजा में जबालिया शरणार्थी शिविर में सीवेज का पानी भारी मात्रा में आ गया, जिससे क्षेत्र में संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. इससे पहले शुक्रवार को जबालिया शरणार्थी शिविर में फलौजा कब्रिस्तान पर इजरायली हमले में पांच लोगों की मौत हो गई.
लोग खुले में सोने को मजबूर
संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि गाजा में युद्ध रुकना चाहिए क्योंकि फिलिस्तीनी क्षेत्र में हजारों लोग, ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं और घायल हुए हैं. हजारों इमारतें तबाह हो गई हैं तापमान गिरने के बाद भी लोग खुले में सो रहे हैं. कुछ अस्पताल जो आंशिक रूप से काम कर रहे हैं,वहां घायलों की भारी भीड़ हैं, ऐसे में हताश लोगों की बाढ़ आ गई है. सीवरों के फैलने से भीड़भाड़ वाले आश्रयों में संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं. इस अराजकता के बीच लगभग 180 फ़िलिस्तीनी महिलाएं प्रतिदिन बच्चे को जन्म दे रही हैं.
नरक में जी रहे गाजावासी
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हम युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते रहते हैं, न केवल गाजा के लोगों और इसके खतरे वाले पड़ोसियों के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए, जो इन 90 दिनों के नरक और मानवता के सबसे बुनियादी सिद्धांतों पर हमलों को कभी नहीं भूलेंगे.