Israel Hezbollah War: इजरायल ने हमास के बाद हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग शुरू कर दी है. इजरायल लेबनान में लगातार हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है. इस हमले के बाद मिडिल ईस्ट में हालात और ज्यादा बुरे हो गए हैं. 


इसी बीच भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने आज तक से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह को लगा था कि इस समय इजरायल कमजोर है, लेकिन अब उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी. अगर ईरान भी बीच में आता है तो यह उसकी अब तक की सबसे बड़ी गलती होगी. 


'इजरायल कर रहा है युद्ध विराम की कोशिश'


रुवेन अजार ने कहा, 'इजरायल इस समय युद्ध विराम की कोशिश में लगा हुआ है. पिछले 11 महीनों से हिजबुल्लाह इजरायल पर हमला कर रहा है. हमारा उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्ताव 1701 को लागू करना है. इसमें कहा गया है कि हिजबुल्लाह को इजरायली सीमा पर तैनाती की अनुमति नहीं है. अगर वो इस पर सहमत होते हैं तो कोई युद्ध नहीं होगा. लेकिन लगातार कोशिश के बाद भी ऐसा नहीं हो पाया है. इस हमलों की वजह से कई लोगों को घर छोड़ना पड़ा है. वो लोग अब अपने घर वापस जाना चाहते हैं.'


'1700 सैन्य ठिकानों को बनाया गया निशाना'


उन्होंने कहा, "इजरायल ने 1700 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया हैं. हिजबुल्लाह ने तरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए हथियार और मिसाइलें घर में छुपा रखी हैं. हमें जानकारी एकत्र की है. हमने वहां लोगों को तुरंत जगह खाली करने को कहा था."


उन्होंने आगे कहा, 'गाजा के हालात अलग थे. वहां हमास ने लोगों पर गोली चलाई हैं और उन्हें घर छोड़ने से रोका है. यहां के हालात अलग है. लेबनानी सरकार की रिपोर्टों के मुताबिक पांच लाख लोगों को निकाल चुकी है.'


'हमने खुद को किया संगठित'


रुवेन अजार ने आगे कहा, '7 अक्टूबर के बाद से हम एक साथ सभी खतरों से नहीं निपट नहीं सकते हैं. हमारे पास एक मजबूत सेना है, लेकिन ये इतनी बड़ी नहीं है. हमने खुद को संगठित किया. हमारे लिए गाजा से आने वाले खतरों से निपटना था. वहां पर हमास की सेना पराजित हो गई है. वो अभी भी हम पर हमला करते रहते हैं.