यरूशलम: इजराइल दो साल में चौथे आम चुनाव की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा है. प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू की सरकार तय सीमा के भीतर बजट पारित नहीं कर सकी. इजराइली कानून के मुताबिक बजट पास ना होने के चलते अब संसद भंग हो जाएगी और 90 दिनों के अंदर मध्यावधि चुनाव कराने होंगे. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और रक्षा मंत्री बैनी गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बीच मई में सरकार के बनने के बाद से ही बजट को लेकर विवाद है.
इससे पहले सरकार को कायम रखने और संसद को स्वतः भंग होने से रोकने की आखिरी कोशिश भी नाकाम हो गई थी. बजट समझौते को लेकर गठबंधन सरकार की दो प्रमुख पार्टियों के बीच बातचीत विफल हो गई. संसद के देर रात्रि सत्र में लिकुड और ब्लू एवं व्हाइट पार्टी के सदस्यों ने मंगलवार तक बजट पारित करने की समयसीमा को दो और हफ्ते बढ़ाने के खिलाफ वोट दिया. प्रस्ताव के खिलाफ 49 वोट पड़े जबकि पक्ष में 47 वोट पड़े थे.
नेतन्याहू और गैंट्ज़ ने मंगलवार तक बजट पारित करने की समयसीमा को दो और हफ्ते बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दिया था ताकि 2020 के बजट को लेकर किसी समझौते पर पहुंचा जा सके लेकिन दोनों पार्टियों के सदस्यों ने ही संसद में इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान कर दिया.
प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर कहा, “हम चुनाव नहीं चाहते हैं और हमने आज शाम उनके खिलाफ वोट दिया, लेकिन हम चुनाव से नहीं डरते हैं--क्योंकि हम चुनाव जीतेंगे.“
संसद के भंग होने की स्थिति में इजराइल में मार्च में चुनाव कराए जा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो यह 2019 से चौथा चुनाव होगा. इस बार चुनाव कोरोना वायरस महामारी, आर्थिक मंदी और नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर चल रहे मुकदमे के बीच होगा.
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