Israel-Hamas war: हमास के खिलाफ लड़ाई में नया मोड़, अब अपने ही देश की आर्मी पर भड़के नेतन्याहू, सरकार और सेना में बढ़ा तनाव
Israel-Hamas war: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को देश की सेना के एक फैसले पर नाराजगी जाहिर की. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अब आईडीएफ और नेतन्याहू के बीच सब ठीक नहीं चल रहा.
Benjamin Netanyahu: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू रविवार को अपनी ही सेना आईडीएफ के एक फैसले पर नाराज हो गए. इस फैसले के मुताबिक, फिलिस्तीन में सहायता पहुंचाने के लिए आईडीएफ ने 11 घंटे के लिए युद्ध पर रोक लगा दी थी, आईडीएफ ने इसे सामरिक विराम नाम दिया है. सेना के इस फैसले को सुनने के बाद नेतन्याहू भड़क गए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इजरायली पीएम को 11 घंटे के युद्ध विराम के बारे में जानकारी होने पर उन्होंने अपने सैन्य सचिव से कहा कि यह अस्वीकार्य है. बताया जा रहा है कि इस फैसले को लेने से पहले नेतन्याहू को जानकारी नहीं दी गई थी.
दूसरी तरफ इजरायली सेना ने स्पष्ट किया है कि दक्षिणी गाजा के राफा शहर में सैन्य अभियान जारी रहेगा, जहां पर शनिवार को एक विस्फोट में 8 सैनिकों की जान गई थी. नेतन्याहू की तरफ से मानवीय सहायता के फैसले पर नाराजगी वाले बयान के बाद साफ हो गया है कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव जारी है, जबकि कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने गाजा में मानवीय संकट की चेतावनी दी है.
राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री ने जताया कड़ा विरोध
इसके अलावा बेंजामिन नेतन्याहू के धुर दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगियों ने आईडीएफ के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है. गठबंधन सरकार में शामिल कट्टरपंथी नेता और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन ग्विर ने सामरिक युद्ध विराम की आलोचना की है. उन्होंने कहा 'जिसने भी इस तरह का फैसला लिया है वह मूर्ख है, ऐसे व्यक्ति को नौकरी से छुट्टी कर देना चाहिए.' दरअसल, सरकार में शामिल गठबंधन सहयोगियों और सेना के बीच विरोध बढ़ता जा रहा है. सेना में अति रूढ़िवादी यहूदियों की भर्ती संबंधी कानून को लेकर भी विवाद बढ़ गया है.
सेना में रूढ़िवादियों की भर्ती का विरोध और समर्थन
गठबंधन में शामिल कुछ दलों ने अति रूढ़िवादी लोगों के लिए सेना में भर्ती का विरोध किया है, जिससे कई इजरायलियों में नाराजगी है. इजरायल के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने भी रूढ़िवादियों की भर्ती का समर्थन किया है. रविवार को उन्होंने कहा, तेजी से अति-रूढ़िवादी समुदाय बढ़ रही है, सेना में इनकी भर्ती की 'निश्चित आवश्यकता' है. बता दें कि इजरायल में सभी के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है, लेकिन कुछ वर्षों से अति-रूढ़िवादी यहूदियों को इससे छूट मिली गई है.
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