यरुशलम: भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू ने अपने पद से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है. इसके पहले इस्राइली पुलिस ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ कथित भ्रष्ट्राचार और विश्वासघात के दो मामलों में अभियोग (Indictment) चलाने का प्रस्ताव दिया था. पुलिस ने 14 महीने की लंबी जांच के बाद घोषणा की थी कि 68 साल के नेतन्याहू के खिलाफ अभियोग के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत है.
यरुशलम पोस्ट की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के दो मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. प्रधानमंत्री पर फ़ायदा पहुंचाने के लिए तोहफे देने के आरोप हैं. ये मामला केस- 1000 के नाम से फेमस है. वहीं पीएम पर देश के प्रतिष्ठित न्यूज़पेपर येदियोत अहारोनोट के मालिक से अपने पक्ष में ख़बरें छपवाने का मामला भी सामने आया है. इस मामले को केस- 2000 कहा जा रहा है.
नेतन्याहू साल 2009 में इस्राइल के प्रधानमंत्री चुने गए थे. वे इस पद पर साल 1996 से 1999 के बीच रहे थे. पुलिस ने नेतन्याहू पर पिछले 10 साल में करीब 300,000 अमेरिकी डॉलर (1,92,35,460.00 रुपए) के गिफ्ट स्वीकार करने का आरोप लगाया है. ममाले पर दिए गए बयान में नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार ‘स्थायी’ है और पुलिस की इस जांच की आलोचना करती है. उन्होंने पुलिस के खुलासे से पहले देश को संबोधित करते हुए साफ किया है कि वे अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा है, “मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि सरकार स्थायी है. न मेरी और न ही किसी और की चुनाव कराने की कोई योजना है. हम लोग इस्राइल के नागरिकों की बेहतरी के लिए इस सरकार का समय पूरा होने तक साथ काम करते रहेंगे.” उन्होंने कहा कि पुलिस की रिपोर्ट ‘भरमाने वाली’ और ‘सच्चाई और तर्क के परे’ है. प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं इस्राइल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी को पूरी तरह महसूस करता हूं और ये ही देश का भविष्य तय करेगी.”