Israeli Palestine News: इजराइल ने फलीस्तीनियों के प्यार पर भी पहरा लगा डाला है. सोमवार को लागू हुए नए नियमों के मुताबिक विदेशियों (Foreigners) को इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक (West Bank) में इश्क में पड़ने पर इसकी जानकारी देश के रक्षा मंत्रालय (Israeli Defence Ministry) को देनी होगी. एक लंबे दस्तावेज में निर्धारित नियमों में विदेशियों से फलीस्तीनी आईडी धारक के साथ रिश्ता शुरू करने के 30 दिनों के भीतर इजराइल के अधिकारियों को सूचित करने की मांग शामिल है.
माना जा रहा है कि यह वेस्ट बैंक में रहने वाले या यात्रा करने के इच्छुक विदेशियों पर नियमों को कड़ा करने का हिस्सा है. उधर फलीस्तीनियों और इजराइल (Israel) के गैर सरकारी संगठनों ने उस पर "प्रतिबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने" का आरोप लगाया है.
अब वेस्ट बैंक में जाने के लिए खास परमिट
सोमवार से लागू इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फलीस्तीनी बस्तीयों में जाने के लिए विदेशियों को अब खास परमिट की दरकार होगी. इसके लिए नियम-कायदे भी पहले से अधिक सख्त हो गए हैं. लेकिन इजराइल ने विदेशियों के इजराइल बस्तियों में जाने को लेकर कोई रोक नहीं लगाई है. इजराइल के कब्जे वाले फलस्तीनी इलाके में 97 पन्नों के खासे लंबे दस्तावेज में विदेशियों के आने-जाने और उनके रहने के बारे में लंबे कायदों के बारे में बताया गया है. नियमों में कहा गया है कि वेस्ट बैंक के किसी भी फलस्तीनी के प्यार में पड़ने वाले विदेशी को उनसे शादी या सगाई करने से पहले इजराइल के रक्षा मंत्रालय को इसके बारे में बताना जरूरी है.
क्या होगा विदेशी के फलीस्तीनी के प्यार में पड़ने पर?
नए नियमों में साफ कहा गया है अगर कोई गैर इजराइली विदेश में फलीस्तीनी मूल के शख्स से या वेस्ट बैंक के फलीस्तीनी से निकाह कर लेता है तो उसे आने पर वीजा ऑन अरावल की सुविधा नहीं दी जाएगी. इसके लिए कम से कम 45 दिन पहले परमिट के लिए अप्लाई करना होगा. अगर विदेशी के वेस्ट बैंक में आने के बाद उसका प्यार का रिश्ता फलीस्तीनी से जुड़ता है तो उसे 30 दिनों के अंदर इजराइली रक्षा मंत्रालय की एजेंसी कोगेट (Cogat) को बताना होगा.
इजराइली रक्षा मंत्रालय ने नए नियमों में प्यार के रिश्ते को जिस्मानी रिश्ते बनाने की तरह देखा है. इसके साथ ही ऐसे कपल को फलस्तीनी अधिकारियों को भी ये सूचना देनी होगी और 90 दिन के अंदर ऐसा न होने पर देश से निकाल दिया जाएगा. अगर वे शादी करते हैं, तो उन्हें 27 महीने के बाद कम से कम आधे साल की कूलिंग-ऑफ अवधि के अंदर देश छोड़ना होगा. गौरतलब है कि ये नियम-कायदे इजराइली रक्षा मंत्रालय की एजेंसी कोगेट (Cogat) ने फरवरी में ही बना लिए थे. लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से इन्हें जारी करने में देर हो गई.
फलीस्तीनी विश्वविद्यालयों पर भी प्रतिबंध
फिलिस्तीनी विश्वविद्यालयों पर नए प्रतिबंधों में 150 छात्र वीजा और 100 विदेशी व्याख्याताओं (Foreign Lecturers) के लिए कोटा शामिल है, जबकि इजरायल में ऐसी कोई सीमा नहीं रखी गई है. व्यवसायियों और सहायता संगठनों का कहना है कि वे भी बुरी तरह प्रभावित होंगे. नए नियमों ने वीजा (Visas ) और वीजा बढ़ाने (Visa Extension) की अवधि पर सख्त सीमाएं तय की हैं, जो कई मामलों में लोगों को वेस्ट बैंक में कुछ महीनों से अधिक वक्त तक काम करने या स्वयंसेवा करने से रोकती हैं.
गौरतलब है कि इजराइली गैर-सरकारी संगठन हामोकेड (HaMoked) की कार्यकारी निदेशक जेसिका मोंटेल (Jessica Montell) कहते हैं, "यह फलस्तीनी समाज की जनसांख्यिकीय इंजीनियरिंग और बाहरी दुनिया से फलस्तीनी समाज को अलग करने की रणनीति है जो लोगों के लिए फलस्तीनी संस्थानों में आने और काम करने, स्वयंसेवकों, निवेश, पढ़ाने और अध्ययन करने के लिए इसे बेहद सख्त बनाते हैं." मोंटेल ने इन नए नियमों के खिलाफ इजराइली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. गौरतलब है कि 55 साल पहले इजराइल ने 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में जॉर्डन (Jordan) से वेस्ट बैंक कब्जा लिया था. आज इजराइल के रक्षा मंत्रालय की एक इकाई कोगट फलीस्तीनी इलाके (Palestinian Territory) का प्रशासन संभालती हैं.
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