(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने नए गठबंधन पर साधा निशाना, इतिहास की सबसे बड़ी चुनावी धोखाधड़ी बताया
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि नया गठबंधन लोकतंत्र के इतिहास में सबसे बड़ी चुनावी धोखाधड़ी का परिणाम है. उन्होंने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है जब वहां राजनीतिक हिंसा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. वहीं, सोशल मीडिया पर धमकियों के बाद विपक्षी नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने की ओर अग्रसर नया गठबंधन लोकतंत्र के इतिहास में "सबसे बड़ी चुनावी धोखाधड़ी" का परिणाम है. उन्होंने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है जब इजराइल के डोमेस्टिक सिक्योरिटी चीफ ने राजनीतिक हिंसा होने की संभावना को लेकर सार्वजनिक रूप से चेतावनी जारी की है.
नेतन्याहू ने अपनी दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के सांसदों से कहा, "हम देश के इतिहास में सबसे बड़ी चुनावी धोखाधड़ी देख रहे हैं. मेरी राय में किसी भी लोकतंत्र के इतिहास में सबसे बड़ी चुनावी धोखाधड़ी." उन्होंने कहा कि "यही कारण है कि लोग ठगा हुआ महसूस करते हैं और वे जवाब दे रहे हैं और उन्हें चुप नहीं रहना चाहिए" उन्होंने परोक्ष रूप से नेफ्ताली बेनेट के चुनावी वादे पर निशाना साधा जो उन्होंने लापिद और दूसरे दलों के साथ सरकार नहीं बनाने को लेकर दिया था.
नए गठबंधन से नेफ्ताली बेनेट बनेंगे प्रधानमंत्री
नेफ्ताली बेनेट ने चुनाव अभियान के दौरान वामपंथी, मध्यमार्गी और अरब पार्टियों के साथ गठबंधन दारी नहीं करने का वादा किया था, लेकिन बुधवार को विपक्षी नेता येर लापिद के साथ गठबंधन की घोषणा की. एक रोटेशन डील के तहत बेनेट पहले प्रधानमंत्री के रूप में काम करेंगे और उसके बाद येर लापिद का नंबर आएगा. नई सरकार को मंजूरी देने के लिए संसद में वोट के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है लेकिन नए प्रधानमंत्री के 14 जून को शपथ लेने की उम्मीद है.
धमकियों के बाद विपक्षी नेताओं की बढ़ाई सुरक्षा
नेतन्याहू इज़राइल के सबसे लंबे समय प्रधानमंत्री रह हैं. वह 2009 से इस पद पर हैं और उनके कार्यकाल में कई बार भ्रष्टाचार आरोप लगे हैं . हालांकि अपने ऊपर लगे हर आरोप को उन्होंने खारिज किया और इसे विपक्ष की चाल बताया. वहीं, गठबंधन से नाराज लोगों ने विपक्षी नेताओं के घरों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और सोशल मीडिया पर धमकियों के बाद विपक्षी नेताओं बढ़ा दी गई है.
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