ISRO's 100th Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जनवरी में अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करेगा, जब वह भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) के जरिए श्रीहरिकोटा से 100वां प्रक्षेपण करेगा. इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने सोमवार (30 दिसंबर) को पुष्टि की कि पीएसएलवी-सी60 मिशन जो 99वां प्रक्षेपण था सफलतापूर्वक पूरा किया गया. इस मिशन में इसरो ने 'स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट' (स्पाडेक्स) को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया.


इसरो की ‘स्पेस डॉकिंग’ क्षमता ने इस मिशन में सफलता हासिल की, जिसमें दो अंतरिक्ष यान पृथ्वी के निचले वांछित कक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित किए गए. सोमनाथ ने कहा कि ये प्रक्षेपण काफी अहम था, क्योंकि ये सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 99वां प्रक्षेपण था. उन्होंने ये भी बताया कि आने वाले साल की शुरुआत में ISRO 100वां प्रक्षेपण करने के लिए पूरी तरह तैयार है.


2025 में आने वाले मिशन और नई उपलब्धियां


सोमनाथ ने ये भी बताया कि 2025 में इसरो कई नए और अहम मिशनों को पूरा करेगा जिनकी शुरुआत जनवरी में जीएसएलवी की ओर से नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 के प्रक्षेपण से होगी. ISRO ने जीएसएलवी के माध्यम से भारतीय नक्षत्र-मंडल नेविगेशन (नाविक) सेवाओं के लिए उपग्रह एनवीएस-01 का सफल प्रक्षेपण किया था, जो इसरो के लिए एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ.






एनवीएस-01 उपग्रह को जीएसएलवी रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक (जीटीओ) में स्थापित किया गया था. यह उपग्रह भारतीय नेविगेशन सेवाओं के लिए बेहद अहम है क्योंकि यह भारतीय नक्षत्र-मंडल (नाविक) नेविगेशन प्रणाली को और बेहतर बनाने में मदद करेगा. एनवीएस-01 दूसरी पीढ़ी के नेविगेशन उपग्रहों में से पहला उपग्रह है जो भविष्य में भारतीय उपग्रह आधारित सेवाओं को मजबूती प्रदान करेगा और इसके माध्यम से भारत के क्षेत्रीय नेविगेशन की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा.


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