(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ब्रिटेन की संसद में उठा भारत में किसानों के आंदोलन का मुद्दा, प्रधानमंत्री जॉनसन के जवाब ने सभी को चौंकाया
लेबर पार्टी के ब्रिटिश सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से भारत में किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर संसद में सवाल पूछा, तो जॉनसन भ्रमित हो गए. जॉनसन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवाद का हल द्विपक्षीय बातचीत से हो सकता है.
लंदन: ब्रिटेन की संसद में बुधवार को भारत में किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठा, तो इस पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के जवाब ने सबको अचंभित कर दिया. दरअसल, जब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से भारत में किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर सवाल पूछा गया तो वह भ्रमित हो गए.
लेबर पार्टी के ब्रिटिश सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से भारत में किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर संसद में सवाल पूछा, तो जॉनसन भ्रमित हो गए. जॉनसन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवाद का हल द्विपक्षीय बातचीत से हो सकता है.
जॉनसन के जवाब से अचंभित धेसी ने तत्काल सोशल मीडिया का सहारा लिया और ट्विटर पर आश्चर्य प्रकट किया कि प्रधानमंत्री जॉनसन को यह नहीं पता कि वह किस विषय पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
Many were horrified to see water cannon, tear gas and brute force being used against farmers peacefully protesting in India about #FarmersBill2020.
Everyone has the fundamental right to protest peacefully. But it might help if our PM actually knew what he was talking about! pic.twitter.com/EvqGHMhW0Y — Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) December 9, 2020
दरसअल, धेसी ने भारत में किसानों का मुद्दा उठाते हुए संसद में पूछा कि क्या जॉनसन, ब्रिटेन में रहने वाले सिख समुदाय की चिंताओं से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराएंगे. इस सवाल के जवाब में जॉनसन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवाद का हल वहां की सरकारें कर सकती हैं.
अपने सवालों और प्रधानमंत्री के जवाब का वीडियो तरनजीत सिंह धेसी ने ट्विटर पर साझा किया है. उन्होंने लिखा, ''किसान बिल 2020 के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से भारत में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पानी की बौछार की गई, आंसू गैस के गोले छोड़े गए. यह देख कई लोग भयभीत थे. सभी को शांतिपूर्वक विरोध करने का मौलिक अधिकार है. लेकिन मदद कर सकता है कि हमारे पीएम किसकी बात कर रहे हैं.''
बता दें कि पिछले दिनों ब्रिटेन में विभिन्न दलों के 36 सांसदों के एक समूह ने विदेश मंत्री डॉमिनिक राब को पत्र लिख कर कहा कि भारत में किसानों के आंदोलन का ब्रिटिश पंजाबी लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में वह अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को अवगत कराएं.
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