Italy Election: इटली में आम चुनाव के लिए मतदान, जॉर्जा मेलोनी बन सकती हैं पहली महिला पीएम
Giorgia Meloni: मेलोनी के प्रति इटली के मतदाताओं का रुझान माना जा रहा है. अगर वह जीतती हैं तो देश की पहली महिला पीएम होंगी.
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Italy General Election: इटली (Italy) में रविवार को आम चुनाव (General Election) के लिए मतदान किया जा रहा है. चुनाव में पीएम पद की उम्मीदवार जॉर्जा मेलोनी (Giorgia Meloni) के नाम की खासी चर्चा है. मेलोनी अगर जीतती हैं तो वह इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री (1st Female PM) होंगी.
जॉर्जा मेलोनी की पार्टी के गठबंधन वाली सरकार इस साल की शुरुआत में गिर गई थी, जिसकी वजह से देश में आकस्मिक चुनाव कराना पड़ा. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग एक चौथाई मतदाताओं ने मेलोनी की पार्टी का समर्थन किया है.
कौन हैं जॉर्जा मेलोनी
मेलोनी इटली की दक्षिणपंथी विचारधारा वाली यूरोपियन कंजर्वेटिव एंड रिफॉर्मिस्ट पार्टी का नेतृत्व करती हैं, जिसे फार राइट ब्रदर्स पार्टी भी कहा जाता है. इटली के 20 क्षेत्रों में से सिर्फ दो पर फार राइट ब्रदर्स पार्टी का नियंत्रण है.
एक बच्चे की मां और रोम की रहने वाली 45 वर्षीय मेलोनी ने ईश्वर, देश और परिवार के नारे के साथ चुनावी प्रचार किया. वह एक ऐसी पार्टी का नेतृत्व करती है जो यूरोप की यूरोस्केप्टिसिज्म (अपरिर्वतनीय स्थिति), आप्रवास विरोधी नीतियों और एलजीबीटीक्यू और गर्भपात के अधिकारों को कमजोर करने की वकालत करती है.
इटली के दक्षिणपंथी झुकाव वाले गठबंधन में मेलोनी के साझेदार पूर्व उप-प्रधानमंत्री माटेओ साल्विनी और फोर्जा इटैलिया पार्टी हैं. माना जाता है कि मेलोनी की लोकप्रियता में इनका आंशिक योगदान है. 2008 में पूर्व प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी ने मेलोनी को खेल मंत्री के रूप में नामित किया था जिससे वह उस पद को संभालने वाली सबसे कम उम्र की मंत्री बन गई थीं.
2018 के चुनाव में साल्विनी वाले गठबंधन में मेलोनी जूनियर पार्टनर थीं लेकिन इस बार वह प्रभारी के पद पर हैं और उन्होंने संकेत दिया है कि अगर चुनी जाती हैं तो साल्विनी को मंत्री पद नहीं मिलेगा. इससे भविष्य में साल्विनी की सरकार गिराने की शक्ति खत्म हो जाएगी.
इटली में क्या हैं चुनावी मुद्दे
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के मतदान के पीछे वामपंथी गठबंधन हैं जिसका नेतृत्व डेमोक्रेटिक पार्टी और मध्यमार्गी दल प्लस यूरोप करते हैं. इन पार्टियों ने एक और मध्यमार्गी विचारधारा वाले दल आजियोन के साथ गठबंधन किया था, जिसका उद्देश्य अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाना था लेकिन पीएम मारियो द्राघी के इस्तीफे के बाद कुछ ही समय में गठबंधन टूट गया, जिससे मेलोनी के लिए आगे दरवाजा खुल गया.
इटलीवासी कई गरम मुद्दों पर मतदान कर रहे हैं, जिनमें जीवन-यापन संकट, यूरोपीय कोविड -19 रिकवरी फंड से 209 बिलियन यूरो का पैकेज और यूक्रेन को देश का समर्थन शामिल है.
यूक्रेन समेत कई मुद्दों पर मेलोनी की विचारधारा बर्लुस्कोनी और साल्विनी से अलग है और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनका कुछ भी लेना-देना नहीं है, जबकि उनके सहयोगियों का कहना है कि इटली की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के कारण वे रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की समीक्षा करना चाहते हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, मेलोनी यूक्रेन की रक्षा के समर्थन मजबूती से खड़ी हैं.
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