Islam In Italy : इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी अक्सर मुस्लिमों को लेकर बयान देती रहती हैं. उनकी नजर में लाखों मुसलमानों की आबादी भी गायब है. यही नतीजा है कि इटली में मुस्लिमों पर ध्यान नहीं दिया जाता है. इटली में मुस्लिमों की आबादी वैसे तो 16 लाख से ज्यादा है, लेकिन मुसलमानों के लिए नमाज पढ़ने के लिए मात्र 8 मस्जिदें हैं. इस वजह से मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज अदा करने में काफी दिक्कत आती है. ये जो 8 मस्जिदें, ये भी स्टैंडअलोन स्ट्रक्चर में हैं. यानी परिसर में ज्यादा लोग नहीं आ सकते. अगर यूरोप के फ्रांस से तुलना करें तो इटली की तुलना में वहां मुस्लिमों की 4 गुना अधिक जनसंख्या है और वहां 2200 मस्जिदें हैं, वहीं ब्रिटेन में इटली से दोगुनी मुस्लिम आबादी है, वहां भी 1500 से ज्यादा मस्जिदें बनाई गई हैं, लेकिन इटली में सबसे ज्यादा बुरा हाल है. प्यू रिसर्च सेंटर 2015 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 61 प्रतिशत इटालियन मुसलमानों के बारे में नकारात्मक विचार रखते हैं, इसलिए उन्हें यहां विरोध का सामना करना पड़ता है.
सरकार ने नहीं दी है इस्लाम को मान्यता
दरअसल, इटली में इस्लाम को धार्मिक मान्यता नहीं दी गई है और वहां स्थानीय समुदायों का भी विरोध झेलना पड़ता है. यहां की सरकार इस्लाम को नहीं मानती है. इटली में मस्जिदों को लेकर रिसर्च करने वाली मारिया बॉम्बार्डियरी कहती हैं कि यहां मस्जिद कम होने के कई कारण हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है कि यहां की सरकार ने इस्लाम को आधिकारिक तौर पर धर्म के रूप में मान्यता नहीं दी है. अगर राज्य की मान्यता होती है तो वह धार्मिक स्थलों को सुरक्षा प्रदान करती है. भले ही यहां मस्जिद बनाने के लिए फंड देने का ऐलान कोई भी कर दे, लेकिन निर्माण के लिए अधिकारियों से परमिशन मिलना काफी मुश्किल काम है. मस्जिद बनने का अक्सर स्थानीय समुदाय के लोग विरोध करते हैं. इटली में क्रिश्यचन की सबसे बड़ी आबादी है.
लगातार बढ़ रही है मुस्लिमों की संख्या
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1980 के दशक के अंत तक इटली में कोई अप्रवासी नहीं था. 1981 में शरणार्थी नीति आने के बाद इटली में केवल 321,000 अप्रवासी या लगभग 0.5% आबादी पंजीकृत थी. दस साल बाद यह संख्या बढ़कर 625,000 हो गई, जो आबादी का 1.1% है. जनवरी 2016 तक इटली में 5 मिलियन से अधिक विदेशी रह रहे थे, जो कुल आबादा का लगभग 8.4% है. इटली में आने वाले प्रवासियों में से एक तिहाई मुस्लिम हैं, जो कुल जनसंख्या का लगभग 2.6 प्रतिशत है. यह संख्या 2030 तक दोगुनी से अधिक हो जाएगी.