Italy Leaves BRI Project: इटली ने चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से बाहर निकलने की पुष्टि कर दी है. इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के प्रशासन ने बीजिंग को सूचित किया कि वह साल खत्म होने से पहले ही प्रोजेक्ट से बाहर आ जाएगा. चीन की सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना बीआरआई पर साल 2019 में हस्ताक्षर करने वाला इटली, एकमात्र प्रमुख पश्चिमी देश था. उस समय इटली के इस कदम की अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने जमकर आलोचना की थी.
साल 2013 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से लॉन्च किए गए बीआरआई (BRI ) प्रोजेक्ट का लक्ष्य पूरे एशिया और यूरोप में अनुमानित 1 ट्रिलियन डॉलर का करना था. इस परियोजना के तहत नई और उन्नत रेलवे लाइनों और बंदरगाहों का निर्माण कर चीन को यूरोप और एशिया के अन्य हिस्सों से जोड़ना है लेकिन बीआरआई की शुरुआत से ही अमेरिका इसका धुर विरोधी रहा है.
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद इटली ने लिया फैसला
अमेरिका का कहना है कि इस परियोजना के तहत चीन कई देशों को ‘कर्ज के जाल’ में फंसा रहा है और उनका इस्तेमाल अपने हितों के लिए कर रहा है. इटली सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब जियोर्जिया मेलोनी और पीएम मोदी की फोटो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है.
मेलोनी ने पीएम मोदी को बताया अच्छा दोस्त
इस बीच देखा जाए तो हाल ही में दुबई में आयोजित कोप-28 समिट के दौरान मेलोनी ने पीएम मोदी के साथ सेल्फी ली थी, इसके बाद मेलोनी ने पीएम मोदी को ‘अच्छा दोस्त’ बताया था. ऐसे में पीएम मोदी के साथ हुई मुलाकात के बाद इटली सरकार का यह फैसला चीन के लिए झटका माना जा रहा है. दरअसल, भारत हमेशा से बीआरआई के विरोध में रहा है. वहीं, पाकिस्तान भी इस परियोजना में शामिल है.
इससे पहले मेलोनी ने पूर्व सरकार के शामिल होने के फैसले को एक गंभीर गलती बताया था. साथ ही यह भी संकेत दिया था कि वह पीछे हटने का मन बना रही हैं. उनकी सरकार ने इस बात पर भी बल दिया कि बावजूद इसके वो चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहती हैं.