रोम: कोरोना वायरस के मरीजों की जान बचाने के लिए इटली में इन दिनों एक नया प्रयोग किया जा रहा है. हालांकि वैश्विक महामारी के इलाज की अभी तक दवा या वैक्सीन दुनिया में सामने नहीं आयी है. मगर यहां के चिकित्सा सुविधा से जुड़े लोग विशेषज्ञ स्कूबा डाइविंग मास्क को वेंटिलेटर की शक्ल देकर अस्पतालों की मदद कर रहे हैं. इसे काम को इटली का एक स्टार्ट एप अंजाम दे रहा है.


इटली में इस काम को करने के लिए इसिनोवा नामी इतालवी स्टार्टअप आगे आया है. 3डी प्रिंटर उद्योग से जुड़े स्टार्टअप ने प्रयोग के तौर पर एक अस्पताल के प्रिंट को वेंटिलेटर वॉल्व में बदल दिया. प्रयोग सफल होने के बाद अब इसिनोवा ने 3डी प्रिंटेड अडॉप्टर बनाने की शुरुआत की है. ये स्नोर्कलिंग मास्क को सक्रिय C-PAP मास्क में बदलने की क्षमता रखता है. ऐसा कर कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई करने का काम लिया जा रहा है.


इन दिनों यहां कोरोना वायरस की बढ़ती तादाद के आगे वेंटिलेटर समेत कई स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी देखी जा रही है. ऐसे में डॉक्टरों का फोकस वेंटिलेटर पर 60 साल आयु वाले मरीजों की जान बचाने पर पहले है. लिहाजा वेंटिलेटर की कमी का सामना कर रहे अस्पतालों में मास्क को वेंटिलेटर में बदलकर मरीजों की जान बचाने की कोशिश की जा रही है.


3डी प्रिंटेड मॉडल का पहले प्रयोग अस्पताल के स्टाफ पर किया गया. इस दौरान उसे अन्य मरीजों के लिए बिल्कुल उपयोगी पाया गया. जिसके बाद इमरजेंसी में चिकित्सा सुविधा के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा. हालांकि अभी इस तकनीक को मान्यता दिलाने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल इलाज के दौरान मरीजों से घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिया जा रहा है.


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