इटली में कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया जनवरी में होगी शुरू, सितंबर तक मिल जाएंगी टीके की सभी खुराकें
इटली के विशेष आयुक्त डेमोनिको अर्करी ने कहा, टीकाकरण का यह सबसे बड़ा अभियान होगा, न केवल इटली में बल्कि यूरोप और दुनिया के कई हिस्सों में भी.उन्हें उम्मीद है कि 'फाइजर' को यूरोपीय मेडिकल एजेंसी से मिलने वाली मान्यता की प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाएगी ताकि टीके की पहली खुराक जनवरी में लोगों को दी जा सके.
मिलान: इटली में जो भी लोग कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण करवाना चाहते हैं, उन्हें संभवत: अगले साल सितंबर तक टीके की सभी खुराकें मिल जाएंगी. वायरस आपातकाल संबंधी इटली के विशेष आयुक्त डेमोनिको अर्करी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि टीके की पहली खुराक जनवरी तक मिल सकेगी. यूरोप में ब्रिटेन के बाद कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की सबसे ज्यादा संख्या इटली में है, जहां इस संक्रमण के कारण 47,800 लोगों की मौत हो चुकी है.
अर्करी ने कहा कि यूरोपीय संघ से खरीद कार्यक्रम के तहत इटली को जनवरी के दूसरे हफ्ते के बाद ‘फाइजर’ टीके की 34 लाख खुराक मिलनी हैं, जो इटली की छह करोड़ जनता में से 16 लाख को आवश्यक दो खुराक देने के लिहाज से पर्याप्त है. बुजुर्ग लोग और ऐसे लोग जिन्हें संक्रमण का जोखिम अधिक है, उन्हें टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी.
रोम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अर्करी ने कहा, "टीकाकरण का यह सबसे बड़ा अभियान होगा, न केवल इटली में बल्कि यूरोप और दुनिया के कई हिस्सों में भी. उन्हें उम्मीद है कि 'फाइजर' को यूरोपीय मेडिकल एजेंसी से मिलने वाली मान्यता की प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाएगी ताकि टीके की पहली खुराक जनवरी में लोगों को दी जा सके."
फाइजर का दावा- कोरोना वैक्सीन 95 फीसदी प्रभावी अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर ने दावा किया कि तीसरे फेज के कोरोना वैक्सीन का फाइनल विश्लेषण बताता है कि ये 95 फीसदी तक प्रभावी है. इसके साथ ही कंपनी ने दावा किया कि ये सुरक्षा मानकों पर भी खरी उतरी है.
कंपनी के मुताबिक, ट्रायल में शामिल होने वाले 170 वॉलंटियर्स में कोरोना का संक्रमण देखने को मिला. इसमें से 162 को प्लेसीबो या प्लेन सैलीन शॉट दिया गया जबकि आठ को वास्तविक वैक्सीन मिला था. फाइजर ने कहा कि नतीजे 95 फीसदी प्रभावी रहे.
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