Terrorist Training Camp: जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अफगानिस्तान में है ट्रेनिंग कैंप- यूएन रिपोर्ट में खुलासा
Terrorist Training Camp in Afghanistan: संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट (Report) के अनुसार इन आतंकी ट्रेनिंग कैंप में से कुछ सीधे तालिबान (Taliban) के नियंत्रण में हैं.
Terrorist Training Camp in Afghanistan: 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के नेतृत्व में जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) जैसे पाकिस्तान (Pakistan) स्थित आतंकवादी समूहों ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के कुछ प्रांतों में अपने प्रशिक्षण शिविर बना रखे हैं. संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट (Report) के अनुसार इनमें से कुछ सीधे तालिबान (Taliban) के नियंत्रण में हैं. एनालिटिकल सपोर्ट एंड सेंक्शन मॉनिटरिंग टीम की 13वीं रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश का हवाला देते हुए कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM), "नंगरहार में आठ प्रशिक्षण शिविर रखता है, जिनमें से तीन सीधे तालिबान के नियंत्रण में हैं."
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति, तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में रिपोर्ट को "सुरक्षा परिषद के सदस्यों के ध्यान में लाए और परिषद के एक दस्तावेज के रूप में इसे जारी किया."
‘जैश-ए-मोहम्मद वैचारिक रूप से तालिबान के करीब’
रिपोर्ट में कहा गया है कि मसूद अजहर के नेतृत्व वाला देवबंदी समूह जैश-ए-मोहम्मद वैचारिक रूप से तालिबान के करीब है. कारी रमजान अफगानिस्तान में JeM के नए नियुक्त प्रमुख हैं.
इसमें कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को पिछली निगरानी टीम की रिपोर्ट में तालिबान के संचालन को वित्त और प्रशिक्षण विशेषज्ञता प्रदान करने वाले समूह के तौर पर वर्णित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, "एक सदस्य राज्य के अनुसार, अफगानिस्तान के भीतर, इसका नेतृत्व मावलवी यूसुफ कर रहा है." इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी जोड़ा गया है कि अक्टूबर 2021 में, एक सदस्य राज्य के अनुसार, एक अन्य लश्कर नेता, मावलवी असदुल्ला ने तालिबान के उप आंतरिक मंत्री नूर जलील से मुलाकात की.
रिपोर्ट में कहा गया है, "समूह को कुनार और नंगरहार में तीन शिविरों को बनाए रखने के लिए कहा गया था. पिछले लश्कर के सदस्यों में असलम फारूकी और एजाज अहमद अहंगर (उर्फ अबू उस्मान अल-कश्मीरी) शामिल थे, जो दोनों आईएसआईएल-के में शामिल हो गए थे."
तालिबान प्रतिबंध समिति के विश्लेषणात्मक समर्थन और प्रतिबंध निगरानी दल की 13वीं रिपोर्ट तालिबान द्वारा काबुल पर 15 अगस्त को नियंत्रण कायम कर लेने के बाद पहली रिपोर्ट है. यह रिपोर्ट बताती है कि तब और अप्रैल 2022 के बीच की अवधि में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कंट्रोल मजबूत किया है, 41 यूएन-स्वीकृत व्यक्तियों को कैबिनेट और अन्य वरिष्ठ स्तर के पदों पर उनके वास्तविक प्रशासन में नियुक्त किया है. उन्होंने योग्यता से अधिक निष्ठा और वरिष्ठता का समर्थन किया है, और उनका निर्णय लेना अपारदर्शी और असंगत रहा है.
‘टीटीपी सबसे बड़ा आंतकी लड़ाकों का घटक’
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) (Tehrik-e Taliban Pakistan -TTP) अफगानिस्तान में विदेशी आतंकवादी लड़ाकों (Terrorist Fighters) का सबसे बड़ा घटक है, जिनकी संख्या कई हजार होने का अनुमान है. अन्य समूहों में पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM), इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ उज़्बेकिस्तान, जैश-ए-मोहम्मद, जमात अंसारुल्लाह और लश्कर-ए-तैयबा शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक की संख्या कुछ सैकड़ों में है.
रिपोर्ट बताती है कि मुफ्ती नूर वली महसूद के नेतृत्व वाले टीटीपी को तालिबान के काबुल पर कब्जे का सबसे अधिक फायदा मिला है. इसने पाकिस्तान में कई हमले और ऑपरेशन किए हैं.
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