Japan Earthquake: जापान में 7 घंटे में भूकंप के 60 झटके, खौफ में लोग, सुनामी को लेकर क्या है अपडेट? | बड़ी बातें
Japan Earthquake Updates: जापान में नए साल के दिन (1 जनवरी को) आए 7.6 तीव्रता के भूकंप के चलते नुकसान का आकलन लगाया जा रहा है. कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है.
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Japan Earthquake-Tsunami Updates: मध्य जापान के पश्चिमी तट पर इशिकावा प्रांत के नोटो प्रायद्वीप के पास सोमवार (1 जनवरी) को स्थानीय समयानुसार शाम 4:10 बजे 7.6 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके चलते कई घर ढह गए, कई जगह सड़कें टूट गईं और तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई.
हालांकि, अब 'बड़ी सुनामी चेतावनी' को डाउनग्रेड करके 'सुनामी चेतावनी' कर दिया गया है. निवासियों को अभी भी घरों को खाली रखने के लिए कहा गया है क्योंकि सुनामी अब भी दर्ज की जा रही है.
जापान सागर के करीब रहने वाले हजारों लोगों को ऊंची जगहों पर जाने के लिए कहा गया है. भूकंप के कारण पैदा हुए हालात को लेकर लेकर लोग मुसीबत में हैं और काफी डरे हुए हैं. स्थानीय समयानुसार शाम को लगभग चार बजे के बाद से मध्य जापान में दर्जनों छोटे भूकंप आए हैं और इसके बाद और भी भूकंप आने की संभावना है.
भूकंप का केंद्र इशिकावा के नोटो क्षेत्र में वाजिमा पूर्व-उत्तरपूर्व में 30 किलोमीटर दूर 37.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 137.2 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था. इस क्षेत्र में बड़े भूकंप आने का खतरा रहता है. मौसम एजेंसी के मुताबिक इसकी गहराई बहुत कम थी.
जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि नोटो प्रायद्वीप पर नानाओ में दो लोगों के मारे जाने की आशंका है. होन्शू द्वीप के तटीय क्षेत्र इशिकावा प्रांत के वाजिमा में ढही इमारतों में कम से कम छह अन्य लोगों के भी फंसे होने की बात कही गई है. भूकंप के बाद शहर में बड़े पैमाने पर आग भी लग गई, जबकि कई अन्य नगर पालिकाओं में मकान ढहने की खबर है.
एक मीटर से ज्यादा ऊंची लहरें पहुंचीं
भूकंप के कारण एक मीटर से ज्यादा ऊंची सुनामी लहरें इशिकावा प्रांत में तट तक पहुंची लेकिन वे 5 मीटर (16 फीट) से छोटी रहीं, जिनके बारे में अधिकारियों ने चेतावनी दी थी.
2011 के भूकंप के बाद जापान में पहली बार एक बड़ी सुनामी चेतावनी नोटो क्षेत्र के लिए जारी की गई थी, जिसे कम कर दिया गया है. मार्च 2011 में 15 मीटर की सुनामी ने जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी, जिसमें 18,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
अधिकारियों ने पड़ोसी निगाटा और टोयामा प्रांतों के लिए भी सुनामी की चेतावनी जारी की है. चेतावनी दी गई है कि वहां लहरें 3 मीटर तक उठ सकती हैं.
पांच प्रांतों में 51000 से ज्यादा लोगों को घर खाली करने को कहा गया
जापान टाइम्स के मुताबिक, अग्नि और आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, पांच प्रांतों में कुल 51,000 से ज्यादा लोगों को घर खाली करने का निर्देश दिया गया. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि करीब 1,000 निवासियों और अन्य लोगों को वाजिमा में एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स बेस (SDF) पर पहुंचाया गया और एसडीएफ कंबल, पानी और भोजन वितरित करके स्थिति से निपट रहा है.
सरकार के अनुसार, इशिकावा के गवर्नर हिरोशी हसे ने एसडीएफ से सदस्यों को आपदा राहत मिशन पर भेजने के लिए कहा है. पूर्वी जापान रेलवे कंपनी ने भूकंप के कारण तोहोकू, जोएत्सु और होकुरिकु शिंकानसेन लाइनों के सभी परिचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. वहीं, इशिकावा प्रांत और टोक्यो के बीच बुलेट ट्रेनें निलंबित कर दी गई हैं. देश की न्यूक्लियर रेगुलेशन अथॉरिटी ने कहा है कि जापान सागर के किनारे स्थित परमाणु उर्जा संयंत्रों से कोई अनियमितता की सूचना नहीं मिली है.
मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, टोयामा और कनाजावा शहरों के बीच मुख्य एक्सप्रेसवे का कई सौ मीटर हिस्सा भूस्खलन से टूट गया है. नोटो प्रायद्वीप अब बाकी प्रांत से काफी हद तक कट गया है. सैकड़ों घर ढह गए हैं, जिससे उनमें रहने वाले लोग फंस गए हैं. अब तक बताई गई मौतें कम हैं लेकिन उनका आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. हजारों लोग अब शून्य से नीचे तापमान में बाहर रात बिता रहे हैं और अपने घरों में वापस जाने से डर रहे हैं क्योंकि लगातार झटके आ रहे हैं.
सुनामी को लेकर क्या है विशेषज्ञों की राय?
विशेषज्ञों का मानना है कि सुनामी का बड़ा खतरा अब कम हो गया है क्योंकि शुरुआती भूकंप के बाद समय के साथ जोखिम कम हो जाता है. हालांकि, ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे के प्रोफेसर डेविड टैपिन ने रेडियो 4 के वर्ल्ड एट वन कार्यक्रम को बताया है कि समुद्र से घिरे होने के कारण इस विशेष क्षेत्र में सुनामी का एक अनोखा पहलू है, जिसका अर्थ है कि यह जापान के तट और एशिया के तट के बीच आगे और पीछे उछल सकती है.
सोमवार को आए 60 भूकंप
बीबीसी के मुताबिक, पिछले कुछ घंटों से मध्य जापान में भूकंप के झटके लगातार आ रहे हैं. स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे के बाद से लगभग 60 घटनाएं हो चुकी हैं, जब नोटो क्षेत्र में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था. इसके बाद आए भूकंपों की तीव्रता 3 से 6.1 तक रही. सबसे हालिया झटके स्थानीय समयानुसार 23:02 बजे दर्ज किए गए, जिनकी तीव्रता 4.6 बताई गई. जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने अगले हफ्ते, खासकर अगले दो से तीन दिनों में संभावित गंभीर भूकंपों की चेतावनी दी है.
इशिकावा में लगी भीषण आग
एनएचके के अनुसार, इशिकावा में वाजिमा सिटी अग्निशमन विभाग का कहना है कि उसे इमारतों के गिरने की कम से कम 30 रिपोर्टें मिली हैं. एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा है कि ढही हुई इमारतों के मलबे में लोगों के फंसे होने के छह मामले सामने आए हैं, जबकि भूकंप के बाद इशिकावा इलाके में भीषण आग लग गई है.
30,000 से ज्यादा घरों की बिजली गुल
सरकार के प्रवक्ता योशिमासा हयाशी ने कहा कि इशिकावा प्रांत के वाजिमा शहर में आग लग गई और 30,000 से ज्यादा घरों की बिजली गुल हो गई. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जापान के एनटीवी के हवाले से बताया कि इशिकावा प्रां में एक इमारत ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं.
जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से पीएम फुमियो किशिदा का निर्देश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि सुनामी, निकासी आदि के संबंध में जनता को समय पर और सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए कहा गया है और निवासियों की निकासी जैसे नुकसान को रोकने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश दिया गया है.
पीएम ने अथॉरिटी से कहा है कि जितनी जल्दी हो सके, नुकसान के संबंध में स्थिति का आकलन करें. उन्होंने कहा है कि हमारी आपातकालीन आपदा प्रतिक्रियाओं में कोई कसर न छूटे, जिसमें जीवन बचाना और आपदा पीड़ितों को बचाना शामिल है... बता दें कि दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया और रूस के सुदूर पूर्व के कुछ हिस्सों में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है.
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