टोक्यो: कोरोना वायरस महामारी के चलते चालू वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जापान की अर्थव्यवस्था मंदी की गिरफ्त में आ गई. इस दौरान वहां उत्पादन, निर्यात और खर्च में कमी देखने को मिली और आशंका जताई जा रही है कि आने वाला समय अधिक खराब हो सकता है. जापान के कैबिनेट ऑफिस ने बताया कि जनवरी-मार्च अवधि के दौरान समायोजित वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी की वार्षिक वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत घट गई है.


वार्षिक वृद्धि से पता चलता है कि अगले एक साल के दौरान वृद्धि दर क्या होगी. सिर्फ एक तिमाही के लिए ये गिरावट 0.9 प्रतिशत रही. इस दौरान निर्यात में 21.8 प्रतिशत की कमी आई. निजी आवासीय निवेश लगभग 17 प्रतिशत फिसल गया और घरेलू उपभोग 3.1 प्रतिशत गिर गया. विश्लेषकों का कहना है कि हालात के बदतर होने की आशंका है, क्योंकि विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती से जूझ रही है.


संयुक्त राष्ट्र संघ के मुकाबिक विश्व को झेलना होगा बड़ा नुकसान


आपका बता दें, इससे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर बयान जारी किया था जो कहता है कि दुनिया की जीडीपी में 3.2 फीसदी की कमी आयेगी. संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार 2021 में सुधार भी देखा जा सकेगा.


विश्व अर्थव्यवस्था को इस महामारी के कारण 2020-21 में कम से कम 8.5 ट्रिलियन डॉलर के आउटपुट का नुकसान हो सकेगा. जिसके चलते माना जा सकता है कि दुनिया को 4 सालों में उत्पादन के चलते जो फायदा हुआ वो खत्म हो जायेगा.


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