Japan News: किसी मुल्क के अस्तित्व पर जब खतरा मंडराने लगता है, तो वह खुद की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. दुश्मन के खतरे का अंदेशा होने पर दुनिया का सबसे शांत माने जाने वाला देश भी हथियारों का जखीरा बढ़ा सकता है. ठीक ऐसा ही कुछ इन दिनों जापान कर रहा है, जिसने अपना रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला किया है. इस साल जारी हुई ग्लोबल पीस इंडेक्स रिपोर्ट में जापान दुनिया के टॉप 10 शांतिप्रिय देशों की लिस्ट में शामिल रहा.
दुनिया में सबसे शांतिप्रिय माने जाने वाले जापान के रक्षा मंत्रालय ने सरकार से गुजारिश की है कि रक्षा बजट में 12 फीसदी का इजाफा किया जाए. मंत्रालय का कहना है कि इन पैसों से अडवांस्ड रडार सिस्टम वाले दो युद्धक जहाज और लॉन्ग रेंज क्रूज मिसाइलों समेत अन्य हथियार खरीदे जाएंगे. दरअसल, जापान को ये फैसला चीन और उत्तर कोरिया की वजह से लेना पड़ रहा है. जापान के ये दोनों पड़ोसी मुल्क अपने हथियारों के बल पर उसे धमकाने की कोशिश करते रहते हैं.
पांच साल में 43 ट्रिलियन येन खर्च करेगा जापान
रॉयटर्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की सरकार ने दिसंबर के महीने में नई सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी को अपनाया. इसके तहत 2024 के वित्तीय वर्ष के लिए रिकॉर्ड 7.7 ट्रिलियन येन की मांग की गई है. सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी के तहत पांच साल तक सेना पर बड़े पैमाने पर खर्चा किया जाने वाला है. जापान ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद फैसला किया था कि सेना का इस्तेमाल सिर्फ आत्मरक्षा के लिए किया जाएगा. मगर चीन की बढ़ती दखलअंदाजी के चलते उसने अपना ये विचार बदल लिया है.
सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी के पांच सालों के तहत जापान अपनी सेना पर 2027 तक 43 ट्रिलियन येन खर्च करने वाला है. ये उसके 10 ट्रिलियन येन के रक्षा बजट से कई गुना ज्यादा है. इस तरह जापान अमेरिका और चीन के बाद अपनी सेना पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च करने वाला मुल्क बन जाएगा. हालांकि, सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि जापान की बूढ़ी होती आबादी और गिरती जन्मदर के बीच इतनी रकम की व्यवस्था किस तरह की जाएगी, ये सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है.
जापान क्यों बढ़ा रहा रक्षा बजट?
दरअसल, उत्तर कोरिया अक्सर ही जापान की ओर मिसाइलों का टेस्ट करता रहता है. जापान के समुद्र में उत्तर कोरिया की मिसाइलों का आकर गिरना आम बात हो चुकी है. बुधवार को ही उत्तर कोरिया ने जापान सागर में मिसाइलें दागी हैं. ऊपर से उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार भी हैं. यही वजह है कि जापान को लगता है कि अगर उसे उत्तर कोरिया को ऐसा करने से रोकना होगा, तो उसे अपने लिए अडवांस्ड हथियारों की व्यवस्था करनी होगी.
सिर्फ उत्तर कोरिया ही नहीं, बल्कि चीन से भी जापान काफी परेशान है. चीन के युद्धक जहाजों को अक्सर ही जापान सागर में देखा जाता रहा है. इन दिनों दोनों देशों के बीच फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट के पानी को छोड़ने को लेकर विवाद चल रहा है. दक्षिण चीन सागर में भी जापान और चीन आमने-सामने हैं. पार्सेल द्वीपों को लेकर चीन और जापान भिड़े हुए हैं. ऐसे में जापान चीन को टाइट करने के लिए भी सेना पर खर्च बढ़ा रहा है.
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