टोक्यो: राजनीति में बड़ी संख्या में महिलाओं को लाने के लिए जापान सरकार ने कानून पारित किया है. नए कानून के तहत राजनीतिक पार्टियों से अपील की गई है कि वे महिला और पुरुष उम्मीदवारों की संख्या जहां तक संभव हो बराबर रखें. हालांकि ऐसा करने में विफल रहने वाली पार्टियों के लिए नए कानून में दंड का कोई प्रावधान नहीं है. जापान में महिलाओं का प्रतिनिधित्व राजनीति में बेहद कम है.


प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने श्रम की कमी से जूझ रहे जापान में महिलाओं की भागीदारी कार्यक्षेत्र में बढ़ाई थी और यह उनकी मुख्य आर्थिक नीति रही है. जापान के संसद के निचले सदन में 465 सदस्यों में से सिर्फ 47 ही महिलाएं हैं. सरकार में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में जापान म्यांमार और गाम्बिया से भी पीछे है.


जापान के आंतरिक मामलों के मंत्री सेको नोडा ने कहा, "मैं आशा करती हूं कि ये कानून जापान की राजनीति में व्यापक बदलाव लाएगा." उन्होंने कहा कि जो महिलाएं राजनीति में आने से झिझकती थीं, उनमें इस कानून से हिम्मत आएगी और वो सभी राजनीति में आ सकेंगी. सेको नोडा इस कानून को बनाने वाली ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य थीं.


हालांकि कि इस बात को लेकर आलोचना भी हो रही है कि इस कानून में नियमों का पालन ना करने वाली पार्टियों के लिए दंड का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. अगले साल जापान में संसद के उच्च सदन के लिए चुनाव कराए जाएंगे.