एशिया में होने जा रहा वो कौन सा बड़ा काम, जो चीन-पाकिस्तान को कर देगा हैरान? समझें, पूरा प्लान
Japan New Strategy: शिगेरू इशिबा ने बताया कि जापान को इस क्षेत्र में सैन्य चुनौतियों का सामना करने के लिए कैसे तैयार रहना चाहिए, खासकर तब जब आपके सामने आपका कट्टर प्रतिद्वंद्वी चीन से सामना हो रहा है.
Japan New Strategy: जापान को जल्द ही देश का नया पीएम मिलने वाला है. इस बीच सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी 27 सितंबर को अपने अध्यक्ष का चुनाव करेगी. ऐसे में पीएम फुमियो किशिदा की जगह कौन लेगा. इन अटकलों को लेकर एलडीपी ने 9 नामों का खुलासा किया है. जिसमें में से एक पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा शामिल हैं. इशिबा की उम्मीदवारी को वैश्विक स्तर पर बहुत उम्मीद के साथ देखा जा रहा है, क्योंकि वे उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय देशों के बीच सैन्य गठबंधन नाटो के तरह एशिया में भी सैन्य गठबंधन के मुखर समर्थक रहे हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे और चीन-रूस सैन्य साझेदारी ने क्षेत्र में चुनौती के तौर नए हालात पैदा कर दिए हैं. इशिबा दो सत्तावादी शासनों की पैदा हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए नाटो जैसा संगठन बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हैं. उन्होंने कहा है कि वह "नाटो का एशियाई संस्करण" बनाना चाहते हैं. इसके साथ ही जापान-अमेरिका स्टेटस ऑफ फोर्सेज एग्रीमेंट (सोफा) में समानता लाना चाहते हैं.
एशियाई NATO के लिए जोर लगा रहे इशिबा
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शिगेरू इशिबा ने बताया कि जापान को इस क्षेत्र में सैन्य चुनौतियों का सामना करने के लिए कैसे तैयार रहना चाहिए, खासकर तब जब आपके सामने आपका कट्टर प्रतिद्वंद्वी चीन से सामना हो रहा है. ये जापान का प्रधानमंत्री बनने का उनकी कोशिश है. उन्होंने प्रस्तावित सैन्य गठबंधन को अपने अभियान का मुख्य एजेंडा बनाया है.
जापान के लिए सैन्य मामलों पर अपनी दिशा तय करना अहम
एशिया में नाटो जैसे संगठन के लिए इशिबा का पहला प्रयास अमेरिका समर्थित सैन्य गठबंधन की ओर से टोक्यो में एक संपर्क कार्यालय खोलने के प्रयासों के बाद आया है. यहां तक कि पीएम फुमियो किशिदा ने जुलाई में अमेरिका में नाटो शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया था. हालांकि इशिबा ने अभी तक नाटो के एशियाई संस्करण के दायरे को पूरी तरह से साफ नहीं किया है.
उन्होंने कहा था, "हमें आत्मरक्षा के अपने बिना शर्त अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में बदलाव करने की जरूरत है. इसके बिना, हम एशियाई-प्रशांत नाटो में शामिल नहीं हो सकते हैं." उन्होंने जोर देकर कहा कि जापान के लिए सैन्य मामलों पर अपनी खुद की दिशा तय करना महत्वपूर्ण है.
जानिए कैसा होगा एशियाई नाटो?
जापान में एक कार्यक्रम के दौरान इशिबा ने कहा कि अमेरिका-जापान गठबंधन कैसे काम करता है, इस पर अधिक विचार किए जाने की जरूरत है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया की तरह कोई संयुक्त कमान संरचना नहीं है. यह ऐसी चीज है जिसकी हमें जरूरत है. इशिबा अपनी सैन्य गठबंधन योजना के लिए फिलीपींस, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों पर विचार कर रहे हैं, जिसमें अमेरिका की भी कुछ भूमिका हो सकती है.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अमेरिका-जापान गठबंधन बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अमेरिका की सभी मांगों को पूरा करने की कोशिश की जाए. अमेरिका के साथ अच्छा व्यवहार करना महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल अमेरिका को खुश करने के लिए अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करना जापान के हित में नहीं है.
जापान पहले से ही क्वाड में है शामिल
हालांकि, जापान पहले से ही इंडो-पैसिफिक सुरक्षा क्वाड का हिस्सा है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका अन्य सदस्य हैं. क्वाड अक्सर संयुक्त सैन्य अभ्यास करता है. ऐसे में चीन इसे उसी तरह का ख़तरा मानता है जैसे नाटो रूस के लिए है.
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