जापानी टीचर को इस हरकत की वजह से मिला 27,000 डॉलर का वॉटर बिल
शिक्षक को इस बात की गलतफहमी हो गई थी कि अगर पानी बहता रहेगा तो कोरोना वायरस के संक्रमण का असर लोगों पर नहीं होगा.
साल 2019 में आई कोरोना महामारी (Corona pandemics) ने पूरी दुनिया में तांडव मचा दिया है. महामारी के इस वायरस (Corona Virus) ने दुनिया के करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है. प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हर कोई इस वायरस की वजह से परेशान हुआ है. ताजा मामला जापान के एक स्कूल का है जहां उसे 27 हजार डॉलर पानी का बिल (27000 Dollar Water Bill) भेजा गया है. दरअसल इस स्कूल के एक शिक्षक (School Teacher) ने स्कूल के स्वीमिंग पूल (Swiming Pool) का नल खुला छोड़ दिया था जिसकी वजह से लगातार जून से लेकर सितंबर तक बहता रहा.
दरअसल इस शिक्षक को इस बात की गलतफहमी हो गई थी कि अगर पानी बहता रहेगा तो कोरोना वायरस के संक्रमण का असर लोगों पर नहीं होगा. बस इसी गलतफहमी में इस टीचर ने स्कूल में स्वीमिंग पूल के पानी को बहता हुआ छोड़ दिया था, और लागातर कई महीनों तक पानी गिरने की वजह से इस स्कूल में जल विभाग ने 27 हजार डॉलर का पानी का बिल भेज दिया.
टीचर की गलतफहमी से हुआ पानी का नुकसान
टीचर की इस गलतफहमी के बारे में जापान की स्थानीय शिक्षा बोर्ड के अधिकारी अकीरा कोजिरी ने न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत में बताया, क्लोरीन और फिल्टरिंग मशीनों की मदद से पानी को साफ किया जाता है, इस टीचर के दिमाग में इतना खतरनाक आइडिया इसी वजह से आया होगा. टीचर की गलतफहमी की वजह से स्कूल में लगभग 4 हजार टन के पानी का इस्तेमाल महज दो महीनों में ही हो गया, जिसकी वजह से जल बोर्ड ने इस स्कूल को 27000 डॉलर का बिल भेज दिया.
पूल का ग्यारह गुना पानी हुआ बर्बाद
इस स्कूल के अन्य स्टाफ सदस्यों ने कभी-कभी इस नल के पानी को बहते हुए देखा और इसे बंद भी किया लेकिन कुछ सहयोगियों ने इसे फिर से खोल दिया और लगातार पानी बहता रहा, जिसके बाद कोजिरी ने बातचीत में बताया, महज दो महीनों में अनुमानित 4,000 टन से भी ज्यादा पानी का उपयोग किया गया. आपको बता दें कि इतना पानी इस पूल को 11 गुना अधिक भरने के लिए पर्याप्त है.
स्कूल टीचर, स्टाफ और प्रबंधन मिलकर करे भुगतान
मध्य जापान के कानागावा प्रान्त के अधिकारी ने इस मामले में कहा है, इस बिल 35 लाख येन (27,000 डॉलर) का आधा भुगतान स्कूल प्रबंधन करे और बाकी का आधा भुगतान उस लापरवाह टीचर और स्कूल के अन्य दो स्टाफ से करवाया जाए जिनकी लापरवाही से इतना पानी बर्बाद हुआ है. योकोसुका के अधिकारियों ने मीडिया में जारी किए गए एक बयान में कहा, हमारे शहर को (वित्तीय) नुकसान पहुंचाने के लिए हम अपने निवासियों से क्षमा मांगते हैं.
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