रूस और चीन पर नकेल कसने के लिए 45 फाइटर प्लेन खरीद रहा है जापान
नए जहाजों की ख़रीद इस बात का सबूत है कि जापान ने एशियाई क्षेत्र में ख़ुद को एक बड़ी ताकत बनाने का सपना नहीं छोड़ा है. इसके पीछे की वजह ये है कि क्षेत्र में बढ़ते चीन के सैन्य दबदबे और रक्षा के क्षेत्र में फिर से तेज़ी से उभरते रूस ने जापान और उसके सहयोगी अमेरिका को कड़ी चुनौती दी है.
तोक्यो: जापान अपने रक्षा ख़रीद पर भारी ख़र्च करने जा रहा है. इसके तहत भारत का ये मित्र देश अगले पांच सालों में स्टिल्थ फाइटर प्लेन, लंबी दूरी तक मार कर सकने वाली मिसाइलें और अन्य हथियारों की ख़रीद करेगा. ये ख़रीद वेस्टर्न पैसिफ़िक में चीन की ताकत का सामना कर रहे अमेरिका को समर्थन देने के लिए की जाएगी. ये बाता दोनों सरकारों को रक्षा पत्र में कही गई है.
नए जहाजों की ख़रीद इस बात का सबूत है कि जापान ने एशियाई क्षेत्र में ख़ुद को एक बड़ी ताकत बनाने का सपना नहीं छोड़ा है. इसके पीछे की वजह ये है कि क्षेत्र में बढ़ते चीन के सैन्य दबदबे और रक्षा के क्षेत्र में फिर से तेज़ी से उभरते रूस ने जापान और उसके सहयोगी अमेरिका को कड़ी चुनौती दी है. प्रधान मंत्री शिन्जो आबे की सरकार ने आज 10 साल की रक्षा कार्यक्रम की रूपरेखा को मंजूरी दी जिसमें कहा गया, "अमेरिका अभी भी विश्व शक्ति है. लेकिन क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा वापस से उभर रही है. हम चीन और रूस दोनों से रणनीतिक प्रतिस्पर्धा की अहमियत को समझते हैं, क्योंकि वो क्षेत्रीय स्थिति को चुनौती दे रहे हैं."
पेपर में कहा गया है कि अमेरिका के अलावा चीन, रूस और नॉर्थ कोरिया ऐसे देश हैं जिन्होंने जापान की रक्षा आधारित रणनीतिक सोच को प्रभावित किया है. जापान के समुद्र में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन भारी मात्रा में पेट्रोलिंग के लिए जहाजों की तैनाती कर रहा है. वहीं, नॉर्थ कोरिया को भी अभी अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को समाप्त करने का वादा निभाना है. जापानी वायु रक्षा की जांच जारी रखने वाले रूस ने कल कहा कि उसने द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापान से कब्जे वाले उत्तरी द्वीप पर सैनिकों के लिए नए बैरकों का निर्माण किया है.
जापान 45 एफ- 15 अमेरिकी फाइटर प्लेन ख़रीदने वाला है. इनकी कीमत 45 बिनियन डॉलर (31,52,27,25,00,000 रुपए) होगी. आपको बता दें कि जापान ने पहले से 35 जेट प्लेन के ऑर्डर दे रखे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 45 एफ- 15 का ऑर्डर जापान को अमेरिका के साथ किसी तरह के ट्रेड वॉर से राहत देगा. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने जापानी कार पर इंपोर्ट ड्यूटी लगाने की धमकी दी थी लेकिन अब उन्होंने इन जहाजों की ख़रीद के लिए जापान को शुक्रिया कहा है. उन्होंने ये शुक्रिया अर्जेंटीना में अबे के साथ मुलाकात के दौरान अदा किया था.
आपको बता दें कि जापान अपनी जीडीपी का महज़ एक प्रतिशत डिफेंस पर ख़र्च करता है. लेकिन इसकी अर्थव्यवस्था के लिहाज़ से ये रकम इतनी बड़ी है कि इस देश के पास विश्व की बेहद ताकतवर सैन्य ताकतों में से एक है.
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