नई दिल्ली: जापान को नया राजा मिल चुका है. 126वें सम्राट बन कर नारोहितो औपचारिक रूप से जापान के राजसिंहासन पर बैठ गए हैं. जापान के पूर्व सम्राट अकिहितो ने 'क्राइसैंथिमम थ्रोन' (राजगद्दी) अपने बेटे नारोहितो को सौंप दी. सम्राट नारोहितो ने राजसिंहासन पर बैठने के साथ ही अपने पहले संबोधन में खुशहाली और विश्व शांति की उम्मीद जताई.


बता दें कि 200 साल में ऐसा पहली बार हुआ था कि दुनिया के सबसे पुराने राज परिवार में किसी सम्राट ने अपना पद राजी-खुशी छोड़ था. इसके साथ ही 'रेइवा' नामक नए राजशाही युग की शुरुआत हो गई थी. यह यु ग नारुहितो के पूरे शासनकाल तक जारी रहेगा. दरअसल जापान में जब कोई राजा अपनी गद्दी छोड़ता है तो एक युग की समाप्ती होती है और दूसरे युग की शुरुआत होती है. बता दें कि जापान में राजा के पास कोई राजनीतिक शक्ति नहीं होती है लेकिन वो एक राष्ट्रीय प्रतीक के तौर पर देखे जाते हैं.


अब जब सम्राट अकिहितो का शासन काल खत्म हो गया है तो आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें...


आइए जानते हैं पूर्व सम्राट अकिहितो के बारे में कुछ दिलचस्प बातें


1-अकिहितो जापान के 125वें सम्राट रहे, सम्राट के रूप में उनका कार्यकाल 7 जनवरी, 1989 से 30 अप्रैल, 2019 तक रहा. उन्होंने अपने पिता हिरोहितो (शोवा) के निधन के बाद सम्राट का पद संभाला था. उनके पद संभालने के साथ हेइसेइ काल का आरम्भ हुआ था. जापान सरकार ने 2017 में उनके पदत्याग की घोषणा की थी. उन्होंने यह निर्णय बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य ख़राब होने के कारण लिया था.


2-तत्कालीन क्राउन प्रिंस अकिहितो ने 1959 में 1,500 साल पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए एक कॉमनर से शादी की. उनकी प्रेम कहानी को "टेनिस कोर्ट रोमांस" नाम दिया गया था क्योंकि वह अपनी पत्नी से टेनिस कोर्ट में मिले थे. उनके और महारानी मिचिको के तीन बच्चे और चार पोते हैं.


3- सम्राट ने कई सारे स्थानों की यात्रा की और अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में कहीं अधिक विश्व नेताओं के साथ मुलाकात की. 1998 में वह जापान ब्रिटिश कैदियों के विरोध के बावजूद महारानी एलिजाबेथ से मिले.


4- उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश सीनियर के खिलाफ दो बार टेनिस भी खेला. उन्होंने दोनों बार उन्हें हराया.


5- काफी समय से वह खराब सेहत से जूझ रहे थे. सम्राट का 2003 में प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी हुई और 2012 में हार्ट बाईपास ऑपरेशन हुआ था.


6- 2011 में आए भूकंप और आपदा के बाद उनका पहला टेलीविज़न संबोधन था. इस आपदा में लगभग 20,000 लोग मारे गए थे या लापता और विस्थापित हुए थे. उन्होंने और उनकी पत्नी ने भूकंप के एक महीने बाद आपदा क्षेत्र का दौरा किया के लिए उनकी सहानुभूति का प्रतीकात्मक रूप में देखा गया.


7- विश्व युद्ध दो जो उनके पिता के नाम पर लड़ा गया और हार हुई इसके बाद अकिहितो ने अपने सासनकाल में शांति और गैर-टकराव युग का संचालन किया.


8- सम्राट का विशेष जुनून समुद्री जीव विज्ञान है और वह गोबी मछली के विशेषज्ञ हैं. उनके नाम पर एक मछली का नाम एक्जिरियस अकिहितो रखा गया है.


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