Assassination attempt on Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर आजादी मार्च के दौरान 3 नवंबर को जानलेवा हमला हुआ था. हमले में इमरान खान बुरी तरह जख्मी हो गए थे. उनके दाहिने पैर में गोली लगी थी. इस मामले की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल जेआईटी को सौंपी गई थी. हमले की जांच कर रहे जेआईटी के प्रमुख को सेवा से निलंबित किए जाने के बाद जेआईटी ने काम करना बंद कर दिया है. 


इमरान खान को कब लगी गोली


पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान के दाहिने पैर में गोली लगी थी. इमरान पर जानलेवा हमला उस समय हुआ था जब वह जल्द चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ एक प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान इमरान वजीराबाद इलाके में एक कंटेनर-माउंटेड ट्रक पर खड़े हुए थे तभी दो बंदूकधारियों ने उन पर और अन्य लोगों पर गोलियों की बौछार कर दी थी. इमरान खान ने अपनी हत्या की कथित साजिश रचने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर को जिम्मेदार ठहराया था.


जेआईटी टीम ने क्यों बंद किया काम


पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘संघीय सेवा न्यायाधिकरण द्वारा लाहौर के पुलिस प्रमुख गुलाम महमूद डोगर को निलंबित करने के संघीय सरकार के फैसले को अनुमति देने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या के प्रयास की जांच करने वाली जेआईटी अब काम नहीं कर रही है.’’


सरकार और पंजाब प्रशासन के बीच विवाद


लाहौर पुलिस प्रमुख के रूप में डोगर की नियुक्ति को लेकर शाहबाज शरीफ सरकार और पंजाब प्रशासन के बीच विवाद हुआ था, पंजाब में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) के साथ गठबंधन में शासन कर रही है.


वरिष्ठ अधिकारी ने क्या कहा


एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संघीय सेवा न्यायाधिकरण द्वारा जेआईटी के प्रमुख बनाए गए लाहौर के पुलिस प्रमुख गुलाम महमूद डोगर को निलंबित करने के लिए संघीय सरकार ने अनुमति दी थी. उन्होंने ये भी बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही जल्द ही जेआईटी के नए प्रमुख को नामित करेंगे, अगर डोगर को जेआईटी प्रमुख के रूप में बनाए रखने के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं है.


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