Jobs In Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो में चुनाव नजदीक आता देख कई फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. ट्रूडो ने कनाडा में अस्थाई नौकरी करने वाले विदेशियों की संख्या को घटाने की घोषणा कर दी है. इस फैसले का असर देश में कम सैलरी पर काम करने वाले और अस्थाई नौकरी करने वाले लाखों विदेशियों पर होगा, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या भारतीय छात्रों की है. जी हां! कनाडा में पढ़ाई करने गए भारतीय छात्र महंगाई के चलते अपनी पढ़ाई से इतर छोटी मोटी नौकरी भी करते हैं. चुनावी विशेषज्ञों का कहना है कि जस्टिन ट्रूडो के इस फैसले से प्रवासी और युवाओं के बीच बेरोजगारी बढ़ेगी. 


ट्रूडो ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि श्रम बाजार बदल गया है. हम कनाडा में कम वेतन वाले अस्थाई विदेशी कर्मियों की संख्या को कम करने जा रहे हैं. अब समय आ गया है कि हमारे व्यवसाय कनाडा के ही श्रमिकों और युवाओं में इन्वेस्ट करें.


विशेषज्ञों द्वारा ट्रूडो के इस फैसले को राजनीति से जोड़ा जा रहा है. इस फैसले के चलते कनाडा पीएम को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. बड़ी संख्या में यूजर्स उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. कई कनाडाई एक्स यूजर्स ने तो उन्हें अब तक का सबसे खराब प्रधानमंत्री तक कह दिया. 


कोरोना के बाद आई थी कर्मचारियों की संख्या में कमी


सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो सरकार ने कोरोना महामारी के बाद श्रमिकों की भारी मात्रा में कमी के चलते प्रतिबंधों में राहत दी थी. इसके बाद कम सैलरी वाले अस्थाई कर्मचारियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई. अब कनाडा आव्रजन प्रणाली में बदलावों को लेकर चर्चा कर रहा है. स्थाई निवासियों की संख्या में आई कमी के चलते इस विषय पर इस सप्ताह में कैबिनेट स्ट्रीट में चर्चा हो सकती है. 


इन जगहों पर मिलेगी राहत


टुडे सरकार के मुताबिक जिस जगह पर बेरोजगारी दर छह फीसदी या फिर उससे अधिक है, वहां पर कम वेतन वाले विदेशी कर्मचारियों को काम नहीं दिया जाएगा. हालांकि कृषि, खाद्य और मछली प्रसंस्करण जैसे खाद्य सुरक्षा क्षेत्र और स्वास्थ्य सेवा में अब भी राहत बनी हुई है, क्योंकि यहां पर कर्मचारियों की कमी है.


यह भी पढ़ें- Bangladesh Crisis: मो. यूनुस के काल में बांग्लादेश में लोगों के बीच हो जाएगी दो फाड़? हिंदू पर्व पर CAO ने दिया बड़ा बयान